स्पेशल कोर्ट: NCB ने हिरासत के दौरान, मुझे गुनाह कबूल करने के लिए मजबूर किया था रिया चक्रवर्ती

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले से जुड़े ड्रग्स मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने स्पेशल कोर्ट में नई जमानत याचिका लगाई है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई होगी। याचिका में उन्होंने दावा किया है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने हिरासत में उससे जबरन आरोप कबूल करवाए हैं।

जमानत अर्जी में कहा गया है कि एक बार में लगातार आठ घंटे तक बिना किसी महिला अधिकारी की मौजूदगी में पूछताछ की गई, जो नियम के विरुद्ध है। वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा कि रिया को जमानत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें हिरासत में रखा गया तो उनकी जान को खतरा है।

एनसीबी ने रिया को तीन दिन में कुल 19 घंटे की पूछताछ के बाद मंगलवार को एनडीपीएस एक्त के तहत गिरफ्तार किया था। रिया चक्रवर्ती की पहली जमानत अर्जी खारिज होने के बाद बुधवार को उन्हें भायखला जेल भेज दिया गया था।

उनके वकील सतीश मानेशिंदे ने मुंबई की स्पेशल कोर्ट में दूसरी जमानत अर्जी दाखिल की है। इस अर्जी के साथ ही रिया के भाई शोविक और सुशांत के कर्मचारी दीपेश सावंत की जमानत अर्जी पर कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होगी।

मैं निर्दोष हूं और मैंने कोई गुनाह नहीं किया। मेरे पास से ड्रग्स या कोई सायकोट्रॉपिक पदार्थ बरामद नहीं किया गया। मुझ पर कम मात्रा में ड्रग्स खरीदने के मामले के अलावा दूसरा कोई बड़ा मामला नहीं बनता है और यह जमानती अपराध है। हिरासत के दौरान, मुझे गुनाह कबूल करने के लिए मजबूर किया गया था।

6, 7 और 8 सितंबर को एनसीबी ने पूछताछ के लिए बुलाया। घंटों पूछताछ की गई। इस दौरान कानूनी सलाह तक मेरी पहुंच नहीं थी।
कम से कम आठ घंटे पुरुष अधिकारियों ने पूछताछ की। वहां कोई महिला अधिकारी नहीं थी।

मैंने इस मामले में हमेशा सहयोग किया है। अगर मुझें न्यायिक हिरासत में रखा गया तो मेरी जान को खतरा है। कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तरुण कुमार से जवाब तलबवहीं, सुशांत की मौत मामले में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर तरुण कुमार से अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी मेडिकल पर्चा बनाने के आरोपों पर जवाब मांगा है।

उनसे मेडिकल पर्चा जारी करने का कारण पूछा गया है। डॉ. तरुण के खिलाफ रिया चक्रवर्ती ने मुंबई में एफआईआर दर्ज करवाई है। इसमें डॉक्टर पर प्रतिबंधित दवाएं लिखने का आरोप लगाया गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही डॉ. कुमार ने अस्पताल आना बंद कर दिया है, जबकि उनका मोबाइल स्विच ऑफ है।

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