रेलवे ने कैटरिंग पॉलिसी में बड़े बदलावों का ऐलान, ट्रेनों में ठेकेदार नहीं परोसेंगे खाना

ट्रेनों में लगातार खाने की शिकायत मिलने के बाद भारतीय रेलवे ने अपनी कैटरिंग पॉलिसी में बड़े बदलावों का ऐलान किया है। रेलवे की ओर से सोमवार को जारी की गई नई नीति में कहा गया है कि अब तक जोनल रेलवेज की ओर से दिए गए ठेकों को समाप्त किया जाता है। अब ज्यादातर ट्रेनों में खाने की सुविधा आईआरसीटीसी खुद देगा। सभी नई ट्रेनों में और शॉर्ट नोटिस पर चलने वाली ट्रेनों में कैटरिंग की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी के हवाले होगी। यानी अब किसी ठेकेदार की मनमानी के चलते आपके खाने का स्वाद नहीं बिगड़ेगा।
यही नहीं मोबाइल यूनिट्स की ओर से बेची जाने वाली खाद्य सामग्री भी आईआरसीटीसी के किचन से ही सप्लाइ की जाएगी। बेहतर खाने को ध्यान में रखते हुए आईआरसीटीसी अपनी किचन की सुविधा में भी बड़े बदलाव करेगा। यही नहीं जनआहार, सेल किचन्स समेत A1 और A कैटिगिरी के रेलवे स्टेशनों के रिफ्रेशमेंट रूम्स की जिम्मेदारी भी आईआरसीटीसी के हवाले होगी। इसके अलावा अन्य स्टेशनों पर भी जरूरत के मुताबिक आईआरसीटीसी की ओर से किचन बनाए जाएंगे।
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रेलवे की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि जोनल रेलवेज की ओर से किचन का स्ट्रक्चर या जगह 10 साल के लिए आईआरसीटीसी को सौंपी जाएगी। इसे बाद में 5 साल के लिए और विस्तार दिया जा सकता है। आईआरसीटीसी को किचन का स्पेस 1 रुपये प्रति स्क्वेयर फुट सालाना के दर पर मिलेगा। इन किचनों को ऐसे बिजनस मॉडल के तौर पर विकसित किए जाएगा, जिससे सेवाएं बेहतर हों और आर्थिक स्थिति भी सुधरे।