राजस्‍थान : गहलोत सरकार ने किया ऐलान, अब मोबाइल ओपीडी में दी जाएंगी ये सुविधाएं

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में चल रही मोबाइल ओपीडी वैनों के जरिए आमजन को न केवल मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत दी जाने वाली दवाओं का वितरण किया जाएगा बल्कि जरूरी जांच के लिए सैंपल लेने की सुविधा भी इन वैनों में उपलब्ध कराई जाएगी।

डॉ. शर्मा ने कहा कि वर्तमान में ज्यादातर अस्पतालों को कोविड फ्री कर दिया गया है फिर भी सरकार ने प्रदेश भर में चलाई जा रही मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए आमजन को और अधिक राहत देने के लिए निशुल्क दवा और जांच योजना की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने बताया कि 2011 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश की सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना का शुभारंभ किया। 2013 में मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना भी प्रारंभ की गई। दोनों योजनाएं देश भर में नजीर बनी। उन्होंने बताया कि कोरोना के अलावा बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश में चल रही मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए हजारों लोग प्रतिदिन चिकित्सा सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि एंटीजन टेस्ट की जांच सही नहीं पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव ने आईसीएमआर को एंटीजन टेस्ट पर पुनर्विचार और इसकी गुणवत्ता में सुधार करने के लिए लिखा है।

डॉ. शर्मा ने बताया कि प्रदेश भी में जीवनरक्षक इंजेक्शन की खरीद आरएमएससीएल के द्वारा कर ली गई है। सभी जिला अस्पतालों में ये इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कोरोना से होने वाली मृत्युदर 1.4 रह गई है। इस दर को शून्य पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना में प्लाज्मा थेरेपी अहम पद्धति साबित हुई है। जिन लोगों को थेरेपीी दी गई थी, वे अब पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि लोगों में प्लाज्मा दान के प्रति अब जागरूकता आने लगी है। जो लोग कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए हैं, वे आगे आकर अपना प्लाज्मा दान कर रहे हैं। पिछले दिनों झुंझनूं में 48 लोगों ने प्लाज्मा दान किया है। जोधपुर के कलेक्टर ने पॉजिटिव से नेगेटिव होने के बाद प्लाज्मा दान कर लोगों की प्रेरणा बने हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में पॉजिटिव केसेज के मामलों में बढ़ोतरी हुई लेकिन बढ़ती संख्या के पीछे ज्यादा जांचें होना भी है। प्रदेश में 32 हजार से ज्यादा जांचें प्रतिदिन की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा लोग असिंप्टोमेटिक हैं, ऐसे में जितनी ज्यादा जांचें होंगी उतनी ही जल्द हम कोरोना के प्रसार को थाम सकेंगे।

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