आज से बदल गया ये… नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर
अगस्त महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस नए महीने में कई नियम बदल चुके हैं. एक खास बदलाव का कनेक्शन आपकी सैलरी से है. इस बदलाव की वजह से अगस्त महीने में आपकी टेक होम सैलरी कम आएगी. आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में.
दरअसल, कोरोना संकट की वजह से सरकार ने पीएफ से जुड़े कुछ नियम बदले थे. इसमें एक नियम पीएफ कंट्रीब्यूशन का था. नए नियम के तहत पीएफ योगदान को 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया था ताकि कर्मचारियों की टेक होम सैलरी 2 फीसदी तक बढ़ जाए.
ये अनिवार्य नहीं, बल्कि कंपनी को कर्मचारी से पूछना था. ये नियम जुलाई तक के लिए ही था. इसका मतलब ये हुआ कि जिन लोगों ने भी इस नए नियम को सेलेक्ट किया था, उनकी अगस्त महीने से टेक होम सैलरी कम आएगी.
यहां आपको बता दें कि इस नए नियम में लोगों की टेक होम सैलरी तो बढ़ गई थी लेकिन पीएफ कंट्रीब्यूशन कम हो गया था.
आसान भाषा में समझें तो इस नियम में सरकार ने आपके पैसे को ही पीएफ खाते में रखने के बजाए दूसरे तरीके से आपको नकद दिया है. ईपीएफओ से जुड़े कर्मचारियों के हाथ में ज्यादा से ज्यादा नकदी पहुंचे, इसी मकसद से बदलाव किया गया था.
आपको बता दें कि सामान्य तौर पर किसी भी कर्मचारी के मूल वेतन का 12 प्रतिशत योगदान कर्मचारी करता है, और इतना ही अंशदान नियोक्ता या कंपनी की ओर से भी पीएफ में किया जाता है.
किसी भी कंपनी या नियोक्ता के हिस्से के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी का योगदान कर्मचारी पेंशन योजना यानी ईपीएस में होता है. जबकि, शेष 3.67 फीसदी रकम का योगदान कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में होता है. इसके उलट, कर्मचारी के हिस्से का पूरा 12 फीसदी ईपीएफ यानी आपके पीएफ फंड में जाता है.