सोनिया गांधी का जनता के नाम भावुक खत, ‘मोदी सरकार ने अच्‍छे दिन देने के बजाय आपका सब कुछ छीना’

“अगस्त 2016 से जनवरी 2017 तक समाजवादी पार्टी और मुलायम परिवार में जो कुछ हुआ, वो पूरी तरह से स्क्रिप्टेड ड्रामा था। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीव जार्डिंग के इशारे पर हो रहा था। मुलायम-अखिलेश, दोनों उनके कहे पर चल रहे थे। यह ड्रामा अखिलेश की इमेज सुधारने, पार्टी में उन्हें मजबूत बनाने और यूपी में क्राइम जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हुआ। मैं इस ड्रामे में अनजाने में इस्तेमाल हो गया…।” ये खुलासा अमर सिंह ने सपा कलह के बाद दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में किया है।सोनिया गांधी का जनता के नाम भावुक खत, 'मोदी सरकार ने अच्‍छे दिन देने के बजाय आपका सब कुछ छीना'
1) अमर सिंह का दावा है कि अमेरिकी प्रोफेसर जार्डिंग की स्क्रिप्ट पर अखिलेश हटाए गए, शिवपाल बेइज्जत किए गए और मुलायम अध्यक्ष पद से हटे।
2) उनका कहना है कि अखिलेश-मुलायम की लड़ाई के पीछे दो आईएएस अफसर शामिल थे। ये दोनों अफसर मोदी सरकार के दो मंत्रियों के करीबी हैं।
3) अमर सिंह का यह भी दावा है कि अखिलेश ने उनकी सिक्युरिटी में लगे दो सिपाहियों से उन पर नजर रखवाई।
4) अमर सिंह का कहना है कि जिस दिन अखिलेश को सपा से बाहर किया गया, उस दिन मुझे फंसाने के लिए मुलायम ने मेरे ऑफिस से स्टाफ बुलवाया।
 
जर्नलिस्ट रोहिताश्व कृष्ण मिश्रा को दिए अब तक के सबसे लंबे और एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उन्होंने एक के बाद एक कई खुलासे किए, जो आज तक कभी सामने नहीं आए। पढ़ें उनसे हुए सवाल-जवाब…
 
Q. पहले साइकिल के सिंबल के लिए मुलायम-अखिलेश का इलेक्शन कमीशन जाना, फिर मुलायम की साइकिल अखिलेश को मिल जाना… आप तो इस लड़ाई में नेताजी के साथ थे। अखिलेश को साइकिल मिलने का राज क्या है?
– ”ये पूरी तरह से प्लान्ड ड्रामा था। पूरे ड्रामे में मेरा इस्तेमाल हुआ। पहली बार मुझे लेकर गए। वकील मैंने तय किया। लड़ाई मैंने लड़ी। योद्धा मैं रहा। फिर एक दिन मुलायम सिंह का फोन आता है कि इलेक्शन कमीशन चले जाइए। मैं जाता हूं। कहते हैं- साइकिल पर अपना दावा छोड़ दीजिए, ताकि चिह्न बचा रहे। इतने में मुलायम सिंह का फोन आता है कि अगर साइकिल चिह्न चला जाएगा तो क्या होगा। मैंने कहा- आप अध्यक्ष नहीं रहेंगे, अखिलेश हो जाएंगे। बोले- अच्छा आप लौट आइए।”
– ”मैं वापस आता हूं तो मुलायम सिंह मुझसे बोलते हैं- आजम खान, अखिलेश, रामगोपाल चाहते हैं कि आप मुझसे नहीं मिलें। इसलिए आप पत्रकारों की नजर से बचकर चोर दरवाजे से आया कीजिए। मेरे साथ इलेक्शन कमीशन भी ना जाएं। दोबारा जब मुलायम चुनाव आयोग गए तो अकेले गए और चिह्न अखिलेश को देने का लेटर दे आए। बाद में मुझसे कहा- मेरे लिए आप बलिदान दीजिए। विदेश चले जाइए कुछ दिनों के लिए। मैं लंदन चला गया।”
 
Q. कहा जाता है कि सपा में कलह अखिलेश की इमेज को चमकाने के लिए हार्वर्ड प्रोफेसर स्टीव जार्डिंग की स्क्रिप्ट थी। अगस्त 2016 से जनवरी 2017 के बीच जो हुआ, उसमें जार्डिंग का क्या रोल रहा?
– ”अगस्त 2016 से जनवरी 2017 तक जो कुछ भी हुआ, उसे मुलायम सिंह और अखिलेश यादव अमेरिकी प्रोफेसर जार्डिंग के इशारे पर कर रहे थे। दोनों लोगों को सब पता था। जो जार्डिंग की स्क्रिप्ट थी, उसी पर वो काम कर रहे थे। फिर चाहे अखिलेश को यूपी अध्यक्ष पद से हटाया जाना हो, चाहे शिवपाल को पार्टी में बेइज्जत करना हो या मुलायम को सपा अध्यक्ष पद से हटाकर अखिलेश का बनना हो। अब 11 मार्च को पता चलेगा कि जार्डिंग-अखिलेश का ये ड्रामा कितना असरदार रहा। चुनाव हार जाने पर ये ड्रामा अखिलेश के लिए पैर पर कुल्हाड़ी मारने की तरह होगा।”
 
Q. पारिवारिक लड़ाई के पीछे कौन?
– ”पारिवारिक विवाद की जड़ शिवपाल या कोई और नहीं, बल्कि अखिलेश के दो अधिकारी नवनीत सहगल और रमारमण थे। ये दोनों अखिलेश के लिए दुधारू गाय थे। मायावती के समय में भी ये पैसा कमवाकर देते थे। रमारमण ने ही यादव सिंह को नोएडा और आस-पास के तीनों प्राधिकरण का चीफ इंजीनियर बनवाया।”
– ”मुलायम को नवनीत और रमारमण, दोनों पसंद नहीं थे। मुलायम ने इन्हें हटाने के लिए बेटे से कहा। अब इन दुधारू गायों को कौन हटाना चाहेगा, इसलिए अखिलेश ने बाप की बात मानने से इनकार कर दिया। सारी लड़ाई यहीं से शुरू हुई। इसके बाद मुलायम और अखिलेश का अहम टकराने लगा। विवाद बढ़ता चला गया, जिसने कई लोगों की बलि ले ली।”
 
Q. इन अफसरों का क्या मोदी सरकार के मंत्रियों से कोई कनेक्शन है?
– “अखिलेश के लिए काम करने वाले भ्रष्टाचारी अफसर रमारमण का नाम मोदीजी के मंत्रियों से भी जुड़ा है। रमारमण का कहना है कि उसने मोदी के मंत्रियों को मैनेज कर लिया है। एक मंत्री महेश शर्मा उनके एक हाथ हैं, दूसरे मंत्री मनोज सिन्हा दूसरी बाजू हैं। रमारमण का कहना है कि वे मोदी के इन मंत्रियों के खास हैं। वे बाएं बाजू हैं।”
अपने मित्र मनोज सिन्हा को सावधान कर रहा हूं। इस दुष्ट आत्मा से बचें। वरना मोदीजी को पता चल गया कि ऐसे भ्रष्ट अफसरों से मिले हैं तो आपकी इज्जत घट जाएगी। कुछ भी हो सकता है।”

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