कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म, राज्यपाल से मिलेंगे सीएम गहलोत

राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से सियासी घमासान जारी है। इसी बीच शुक्रवार देर रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई। ये बैठक लगभग ढाई घंटे तक चली। बैठक में राज्यपाल द्वारा विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा की गई। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मौजूदा हालात पर ट्वीट करके मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है। इसी बीच मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई, जो अब खत्म हो गई है। वहीं, सीएम अशोक गहलोत शाम चार बजे फिर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करेंगे।

राजस्थान: राज्य भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया और विपक्ष के नेता गुलाब चंद्र कटारिया के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल आज राज्य में कोरोना की स्थिति को लेकर राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करेंगे। 
जरूरत पड़ी तो पीएम आवास पर धरना प्रदर्शन भी करेंगे- सीएम गहलोत
कांग्रेस पार्टी की विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘जरूरत पड़ी तो हम राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे और पीएम आवास पर विरोध प्रदर्शन भी करेंगे।’

राज्यपाल से मिलेंगे सीएम गहलोत 
सीएम अशोक गहलोत चार बजे फिर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करेंगे। उन्होंने शुक्रवार को भी उनसे मुलाकात की थी। इसके बाद विधानसभा सत्र बुलाए जाने पर कोई फैसला नहीं होने के कारण कांग्रेस विधायकों ने राजभवन का घेराव भी किया था।  

कांग्रेस विधायक दल की बैठक
जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। बैठक फेयरमाउंट होटल में हो रही है जहां पिछले कई दिनों से कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं। बता दें कि कल इन विधायकों ने राजभवन के बाहर धरना भी दिया था। सीएम अशोक गहलोत की मांग है कि बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाया जाए। 

सीएम गहलोत ने राज्यपाल से मुलाकात का वक्त मांगा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात का वक्त मांगा। सीएम गहलोत, राज्यपाल को विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर नया प्रस्ताव देंगे। इसी मुद्दे पर शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक हुई थी। 

अशोक गहलोत ने बैठक बुलाई
राजस्थान का सियासी घमासान खत्म होता नहीं दिख रहा है। राज्यपाल की ओर से विधानसभा सत्र बुलाए जाने को मंजूरी नहीं दिए जाने पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। आज उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है।

कांग्रेस ने भाजपा द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड़यंत्र का आरोप लगाते हुए शनिवार को राज्य के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस ये धरने-प्रदर्शन ऐसे समय में कर रही है, जबकि राज्य में राजनीतिक रस्साकशी चल रही है। पार्टी के सारे विधायक व मंत्री हालांकि जयपुर के पास एक होटल में रुके हुए हैं इसलिए इन धरना-प्रदर्शनों की अगुवाई बाकी नेता कर रहे हैं। राजधानी जयपुर के साथ साथ जोधपुर व बीकानेर सहित अन्य जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना-प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजेगी राजस्थान सरकार

राजस्थान सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए एक संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर रात हुई बैठक में उन बिंदुओं पर विचार किया गया जो सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने उठाए हैं। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को भी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को फिर हो सकती है। मंत्रिमंडल से मंजूरी के बाद ही संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा।

शेखावत का सीएम पर निशाना 

वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को राजस्थान के मौजूदा हालात पर ट्वीट करके मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जहां राज्यपाल को स्वयं मुख्यमंत्री धमका कर असुरक्षित महसूस करवाए, वहां चोरी, डकैती, बलात्कार, हत्या और हिंसक झड़पों से त्रस्त राजस्थान वासियों को मुख्यमंत्री के आगे अपनी सुरक्षा के लिए गुहार लगाना बेकार है।’

राज्यपाल ने लिखा था सीएम को पत्र
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने पत्र लिखकर सीएम अशोक गहलोत से कहा था, ‘इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा करता, आपने सार्वजनिक रूप से कहा कि यदि राजभवन घेराव होता है तो यह आपकी जिम्मेदारी नहीं है। यदि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्यपाल की रक्षा नहीं कर सकता तो राज्य में कानून-व्यवस्था का क्या होगा? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए? मैंने कभी किसी सीएम का ऐसा बयान नहीं सुना। क्या यह एक गलत प्रवृत्ति की शुरुआत नहीं है, जहां विधायक राजभवन में विरोध प्रदर्शन करते हैं?

राज्यपाल सचिवालय का बयान
23 जुलाई की रात को राज्य सरकार ने शॉर्ट नोटिस पर विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए एक पेपर प्रस्तुत किया था। पेपर का विश्लेषण किया गया और कानूनी विशेषज्ञों से इस पर सलाह ली गई थी। शॉर्ट नोटिस पर सत्र आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है और न ही इसके लिए कोई एजेंडा प्रस्तावित किया गया है। सामान्य प्रक्रियाओं के अनुसार सत्र के लिए 21 दिन के नोटिस की आवश्यकता होती है। राज्य सरकार को सभी विधायकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए। 

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