शादी के दसवें दिन विधवा हो गई इनामी बदमाश अमर दुबे की पत्नी

लखनऊ एसटीएफ और पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे गिरोह के शातिर शूटर अमर दुबे की दस दिन पहले शादी हुई थी। दसवें दिन ही उसकी पत्नी विधवा हो गई। बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के परिवार में 29 जून को अमर दुबे की शादी थी।

गांव में शहनाई बज रही थी, मंगल गीत गाए जा रहे थे। अमर की शादी कल्याणपुर निवासी एक युवती से हुई थी। इसी के बाद 2/3 जुलाई की रात को बिकरू गांव में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजी। सुबह हुई तो यहां एक नहीं बल्कि आठ पुलिसकर्मियों के शव पड़े थे।
 

इस घटना में विकास दुबे के साथ उसके दाहिने हाथ कहे जाने वाले उसके पारिवारिक अमर दुबे को शूटर के रूप में नामजद किया गया था। घटना के बाद से ही अमर दुबे दुल्हन का साथ छोड़कर फरार हो गया था। तभी से एसटीएफ उसके पीछे लगी थी।

एसटीएफ सूत्रों का दावा है कि वह विकास दुबे के साथ ही फरार हुआ था और उसके साथ ही हरियाणा के फरीदाबाद तक गया था, लेकिन पुलिस ने छापा मारा तो वहां से भाग निकला था। वहीं से लखनऊ एसटीएफ की टीम अमर के पीछे लग गई थी। बुधवार सुबह उसे हमीरपुर में पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। इसी के साथ दसवें दिन उसकी पत्नी विधवा हो गई।

एमपी जाने के इंतजार में था अमर दुबे 
हरियाणा के फरीदाबाद तक गया अमर दुबे पुलिस की पहुंच से बच नहीं पाया। पुलिस ने जब फरीदाबाद में छापा मारा तो वह वहां से भाग कर मौदहा कस्बा आया। यहां पहुंचने पर पैदल ही मौदहा क्षेत्र के अरतरा गांव के लिए चल पड़ा, लेकिन गांव पहुंचने पर रिश्तेदार ने अमर दुबे को शरण देने से इनकार कर दिया। शरण न मिलने पर वह यहां से मध्य प्रदेश जाने के जुगाड़ में था। बताते हैं कि मध्यप्रदेश के सतना, शहडोल आदि जनपदों में इनकी रिश्तेदारी हैं। यहीं पर जाकर शरण लेना चाहता था। इसी बीच टोह लेते हुए एसटीएफ अमर तक जा पहुंची।

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