सावन के पहले सोमवार पर सीएम योगी ने महाद्रव्य से किया भोलेनाथ का रुद्राभिषेक
दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ सावन के पहले सोमवार को शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ की पूजा अर्चना के बाद मानसरोवर मंदिर में भगवान भोले शंकर का रुद्राभिषेक किया। उन्होंने विश्वशांति के साथ लोक कल्याण की कामना की। वैश्विक बीमारी कोरोना के संक्रमण से वैश्विक आरोग्य की कामना की।
जगत के पालनहार भगवान की शिव की अराधना के माह सावन के पहले सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने सर्वप्रथम गोरखनाथ मंदिर में शिवावतारी भगवान गुरु गोरक्षनाथ की पूजा अर्चना की। उसके बाद ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ एवं अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर माथा टेक आशीर्वाद लिया। उसके बाद मानसरोवर मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने सभी देव प्रतिमाओं की पूजा करने के बाद भगवान भोले शंकर का रुद्राभिषेक किया।
कोविड कॉल में सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 किलोग्राम पके हुए आम के रस, 11 लीटर दूध, जल, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल और गन्ने के रस से देवों के देव महादेव का अभिषेक किया। बेलपत्र, सफेद कमल, लाल कमल, कनेर, समीपत्र, दूब, कुशा, राई, गुड़हल, धतूरा, भांग और श्रीफल चढ़ाया। विधिवत् भगवान भोलेनाथ की आरती उतारी। मानसरोवर मंदिर के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में भी रुद्राभिषेक किया।
अनुष्ठान मंदिर के प्रधान पुरोहित आचार्य रामनुज त्रिपाठी, डॉ अरविंद चतुर्वेदी, डॉ रंगनाथ त्रिपाठी, पुरुषोत्तम चौबे, शुभम, नित्यानंद तिवारी, डॉ रोहित मिश्र ने विधि विधान से पूजन कराया। इस दौरान गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी समेत अन्य मौजूद रहे।
कांवड यात्रा स्थगित
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सावन के महीने में आयोजित की जाने वाली कांवड़ यात्रा स्थगित कर दी गई है। सीएम योगी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे भगवान शिव और मां पार्वती के दर्शन और पूजन के लिए मंदिरों में भीड़ न लगाएं। तमाम मंदिरों ने अपने यहां होने वाले कार्यक्रमों को पहले ही स्थगित रखने की घोषणा की है। हालांकि सनातन धर्म में मान्यता है कि सावन के महीने में शिवलिंग की विशेष पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।