मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाएगा यूएई
उन्होंने कहा ‘मंगल’ पर उतरना मानवों के लिए एक सपना रहा है। हमारा लक्ष्य है कि यूएई अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करते हुए इस सपने को सच कर दिखाए। नई परियोजना एक बीज है जिसे हमने आज रोपा है और हमें उम्मीद है कि आने वाली पीढ़ियों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें वह अंतरिक्ष क्षेत्र में महारत रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों और वैज्ञानिक संस्थानों से सहयोग लेगा।
इस महात्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा दुबई के 5वें वर्ल्ड गवर्मेंट समिट में किया गया। इसके तहत सार्वजिनक और निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण हस्तियों और वैश्विक विचारकों को एक मंच पर लाया जाता है। कार्यक्रम में शेख ने कहा, ‘2117 मार्स एक दीर्घकालिक परियोजना है, जो पहले हमारी शिक्षा, विश्वविद्यालयों और शोध संस्थान के विकास में मदद करेगा, जिससे युवा पीढ़ी वैज्ञानिक शोध के हर क्षेत्र में सशक्त बनेंगे।
2014 में स्थापित अंतरिक्ष एजेंसी पर यूएई अब तक 5.4 अरब डॉलर खर्च कर चुका है। यूरोप की तर्ज पर इसे पैन-अरब स्पेस एजेंसी बनाए जाने का प्रस्ताव है। यह नैशनल सेंटर ऑफ स्पेस स्टडीज ऑफ फ्रांस और ब्रिटेन की स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर काम करता है।
क्या है मार्स 2117
100 साल के लिए निर्धारित इस योजना के तहत वैज्ञानिक शोध किए जाएंगे। इसके अंतर्गत देश में विश्वविद्यालय स्तर पर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नैशनल कैडर तैयार किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत युवा पीढ़ी का अंतरिक्ष विज्ञान की तरफ रुझान भी बढ़ाया जाएगा।
2021 में उतारेगा यान
साल 2015 में यूएई ने अपने मार्स प्रोब मिशन का एलान किया था। वह अरब जगत का पहला अंतरिक्षयान मंगल ग्रह पर भेजेगा। उसका यह यान साल 2021 में मंगल ग्रह पर उतरेगा।