वित्त मंत्री ने कहा पूरे विश्व में करंसी बदलने की इससे बड़ी कार्यवाही आज तक नहीं हुई

वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी और सिस्टम में पैसा वापस लाने (रिमॉनेटाइजेशन) की पूरी प्रक्रिया के दौरान सबसे आसान काम केवल कमेंट करना था, जबकि सबसे मुश्किल काम इसके क्रियान्वन का था। जेटली ने यह भी कहा कि अगर कभी नोटबंदी पर कोई रिसर्च होगी तो नोटों की प्रिटिंग की स्पीड और गोपनीयता के साथ पहले से ही नोटों को छाप के रख लेने के चैप्टर पर जरूर बात होगी।

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साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह भी कहा कि कुछ लोग का कहना था कि नोटबंदी के बाद की स्थिति सामान्य होने में सात महीने से लेकर एक वर्ष तक का समय लग सकता है, लेकिन यह काम कुछ हफ्तों में ही कर लिया गया है। उन्होंने कहा, “स्थिति कुछ हफ्तों में ही सामान्य हो गई है। बाजार में एक दिन के लिए भी नकदी की किल्लत नहीं है।”

यह सब कुछ देशभर में बिना किसी अशांति की घटना के हासिल किया गया है। यह इसलिए हासिल कर लिया गया है कि क्योंकि आरबीआई की प्रिंटिंग प्रेस और एसपीएमसीआईएल ने एक अनुकरणीय काम किया है, जिन्होंने नकदी की आपूर्ति को अबाध रखा।

विमुद्रीकरण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है

विमुद्रीकरण की स्थिति, यानी पुराने नोटों की बजाए नए नोट उपलब्ध करवाए जाने की स्थिति लगभग सामान्य है और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रोजाना नई करेंसी की आपूति की मॉनीटरिंग कर रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को खुद यह जानकारी दी है। वित्त मंत्री झारखंड ग्लोबल इंवेस्टर समिट 2017 में बोल रहे थे। उन्होंने यहां बोला कि कैश इकोनॉमी से अपराध और करापवंचन को बढ़ावा मिलता है।

क्या कहा वित्त मंत्री ने:

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, “जहां कर विमुद्रीकरण (remonetisation) की चिंता का सवाल है, स्थिति लगभग सामान्य है और आरबीआई नियमित तौर पर नई करेंसी की आपूर्ति की निगरानी (मॉनीटरिंग) कर रहा है।”

 

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