कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का आज 50वां जन्मदिन, 20 जवानों की शहादत के चलते…

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का जन्म नई दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल में 19 जून 1970 को हुआ था. इस तरह से राहुल ने अपनी जिंदगी का अर्धशतक पूरा कर लिया है. कोरोना महामारी और चीन की ओर से किए गए हमले में 20 जवानों की शहादत के मद्देनजर राहुल गांधी इस बार अपना जन्म दिन नहीं मनाएंगे. हालांकि, कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल के जन्मदिन के मौके पर गरीबों व जरूरतमंदों को राशन और भोजन वितरित करने का काम जरूर करेंगे.

राहुल गांधी के जीवन के पचास साल का सफर ऐसे समय पर पूरा हुआ है, जब उनकी पार्टी अपने इतिहास के सबसे कमजोर मुकाम पर खड़ी है. कांग्रेस का जनाधार लगातार सिमटता जा रहा है और संगठन बिखरा सा नजर आ रहा है. वहीं, बीजेपी की केंद्र के अलावा देश के आधे से ज्यादा राज्यों में सरकारें हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में एक लोकप्रिय चेहरा है. ऐसे में राहुल गांधी के सामने ‘गांधी परिवार’ की राजनीतिक विरासत को बचाने के साथ-साथ आगे बढ़ाने की चुनौती है. इसके अलावा कांग्रेस के खोए हुए जनाधार को वापस लाने और खुद के साबित करने जैसे बड़ी चुनौती भी है.

छवि बदलकर फिर खड़े होने की चुनौती

राहुल गांधी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है अपने छवि को बदलकर एक बार फिर से खड़े होने की. वरिष्ठ पत्रकार शकील अख्तर कहते हैं कि एक नेता के नेतृत्व की असली पहचान तभी होती है जब वह विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को स्थापित कर सकने में सक्षम हो. राहुल को अब अपनी छवि से इतर एक छवि बनाने की सबसे बड़ी चुनौती है, जिसमें एक विजेता बनकर उभरते दिख रहे हैं.

राजनीति में ऐसी वापसी बहुत कम देखने को मिलती है. राहुल गांधी ने कोरोना काल में जिस तरह से जमीन से जुड़े मुद्दों को उठाया है, इससे देश में ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के अंदर भी उन्हें लेकर संजीदगी दिख रही है. इसी का नतीजा है कि कांग्रेस में जो सीनियर नेता अभी तक राहुल का विरोध किया करते थे, अब वो भी यह बात को बेहतर तरीके से समझ गए हैं.

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