28 मार्च से नौ मई के बीच लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही में भारी कमी आयी
संक्रमण के कारण देश-दुनिया में लॉकडाउन लगा हुआ है जिसकी वजह से लोग अपने घरों में कैद हैं, हालांकि लोगों का बाहर आना-जाना पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है, बल्कि कम हुआ है।
अब सवाल यह है कि लोगों की आवाजाही में कितनी कमी हुई है। इस सवाल का जवाब गूगल ने अपनी नई मोबिलिटी रिपोर्ट में दी है। आइए जानते हैं…
गूगल ने नई रिपोर्ट जारी की है जिसे रिटेल एंड री-क्रिएशन, ग्रोसरी एंड फार्मेसी, पार्क, ट्रांजिट स्टेशन, वर्कप्लेस और रेसिडेंसियल जैसी कैटेगरी में बांटा गया है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि उपरोक्त कैटेगरी के संबंध में लोगों का घर से बाहर निकलना कितना कम हुआ है। गूगल का यह डाटा 28 मार्च से नौ मई के बीच का है और इसकी तुलना तीन जनवरी से छह फरवरी के बीच के डाटा से हुई है।
रिटेल एंड री-क्रिएशन- सबसे पहले रिटेल एंड री-क्रिएशन की बात करें तो इसमें होटल, कैफे, शॉपिंग मॉल, लाइब्रेरी, फिल्म देखने जाना और म्यूजियम जाने जैसी गतिविधियां शामिल हैं। लॉकडाउन की वजह से इन गतिविधियों में 80 फीसदी तक की कमी हुई है।
ग्रोसरी एंड फार्मेसी- ग्रोसरी और फार्मेसी कैटेगरी में किराना दुकान, खाने की चीजों का स्टोर, किसान, बाजार शामिल हैं। राशन और दवा के लिए लोग घर से बाहर निकल रहे हैं, क्योंकि राशन और दवा के बिना लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा। राशन और दवा के लिए घर से बाहर निकलने वालों में भी 32 फीसदी की कमी आई है।
पार्क- पार्क कैटेगरी में राष्ट्रीय पार्क, सार्वजिनक बीच, कुत्तों का पार्क, प्लाज और सार्वजनिक पार्क शामिल हैं। इनमें लोगों की गतिविधियां 62 फीसदी तक कम हुई है।
ट्रांजिट स्टेशन- इसमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट शामिल हैं। यहां 31 मार्च तक लोगों की गतिविधियां नहीं थीं, लेकिन अब इसमें इजाफा हो रहा है। 28 मार्च से नौ मई तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर लोगों की उपस्थिति 57 फीसदी तक कम रही।
वर्कप्लेस- लॉकडाउन की वजह से अधिकतर लोग घर से ही काम कर रहे हैं और जिन कंपनियों में घर से काम संभव नहीं है, वहां काम बंद है। जनवरी-फरवरी के की तुलना में कार्यस्थल पर जाने वालों की संख्या में 49 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
रेसिडेंशियल (आवासीय)- इसमें लोगों के घर पर रहने का डाटा शामिल है। लॉकडाउन के कारण अधिकतर लोग घर पर रहे हैं और घर से ही काम कर रहे हैं।
28 मार्च से नौ मई के बीच घर पर रहने वालों की संख्या में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। घर पर रहने वालों की संख्या में सबसे ज्यादा इजाफा गुजरात में हुआ है जिनकी संख्या 33 फीसदी है जो कि भारत के किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे ज्यादा है। इसका मतलब यह है कि गुजरात में लॉकडाउन का पालन सख्ती से हो रहा है।