खुशखबरी वैज्ञानिकों ने कोरोना से बचने का एक और रास्ता खोजा अब ताजा हवा और धूप में समय बिताने से कोरोनावायरस से संक्रमित होने का जोखिम कम होगा
कोरोना से बचाव के लिए अब तक वैज्ञानिकों ने जो रास्ता सुझाया, वह है सोशल डिस्टैंसिंग का, जिसे भारत समेत दुनिया भर के देशों ने अपनाया है।
अभी तक कोरोना को फैलने से रोकने के लिए हमारे पास यही कारगर उपाय है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने कोरोना से बचने का एक और रास्ता खोजा है, वह है ताजा हवा और धूप।
ताजा हवा और धूप में समय बिताने से कोरोनावायरस से संक्रमित होने का जोखिम कम हो सकता है, इस बात की जानकारी ब्रिटेन सरकार के सलाहकार वैज्ञानिक ने दी है।
अब लोगों को घर से बाहर समय बिताने की अनुमति दी गई है, लेकिन साथ ही उन्हें सामाजिक दूरी का भी पालन करने को कहा गया है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, बाहर की सतहों पर मौजूद वायरस धूप की रोशनी के संपर्क में आकर जल्द ही नष्ट हो जाते हैं। धूप से विटामिन डी का स्तर भी बढ़ता है, जो कोरोनावायरस से बचाव में बेहद अहम पाया गया है। वैज्ञानिकों की सलाह को मानते हुए 52 दिनों के लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पाबंदियों में पहली ढील दी है।
अंदर बीमार होने का खतरा ज्यादा- वैज्ञानिकों ने कहा कि वायरस सूरज की रोशनी में बाहर की सतहों पर जीवित रहने में कम सक्षम होते हैं, क्योंकि पराबैगनी किरणें उनकी आनुवंशिक सामग्री को क्षतिग्रस्त कर देती हैं।
प्रोफेसर पेन की सलाह पर सरकार ने लोगों को बाहर जाकर व्यायाम करने और पार्कों में धूप में बैठने की अनुमति दे दी है। हालांकि, इस दौरान उन्हें सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा।
गर्वनमेंट साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसी के सदस्य प्रोफेसर एलेन पेन ने पार्क में जाने वालों को आश्वस्त करते हुए कहा कि विज्ञान सुझाव देता है कि धूप और ताजी हवा वायरस से बचाव करने में मदद करती हैं।
दूसरे वैज्ञानिकों ने कहा कि वे वैज्ञानिक पेन की बात से पूरा तरह सहमत हैं और घर से बाहर ज्यादा समय बिताने के सुझाव का समर्थन करते हैं।
लोगों को हिदायत दी गई है कि बाहर खड़े होकर किसी से बात करते समय फेस मास्क के साथ दो मीटर की दूरी बनाए रखनी चाहिए।