कोरोना संकट काल में ग्राहक हमारे पास नहीं आएगा, हमें ग्राहकों के पास जाना होगा: वी-मार्ट के सीएमडी ललित अग्रवाल
कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के से प्रभावित रिटेलर्स अब ग्राहकों के पास जाने की तैयारी कर रहे हैं। बुधवार को रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से आयोजित वर्चुअल कांफ्रेंस में यह बात सामने आई।
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के फाउंडर चेयरमैन बीएस नागेश ने कहा कि लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे दुकानें खुल रही है।
लेकिन अब की स्थिति बदली हुई है। ग्राहकों का व्यवहार बदल रहा है। सरकार की भी भूमिका बदल रही है। ऐसे में रिटेलर्स को काफी सोच समझ कर कदम उठाने होंगे। कांफ्रेंस में मुख्य रूप से इन्हीं बातों पर चर्चा की गईं।
रिटेलर्स ने कहा कि कि अभी ग्राहक गैर-जरूरी चीजों की खरीदारी में रूचि नहीं ले रहा है क्योंकि ग्राहकों में कोरोना संक्रमण को लेकर भय व्याप्त है और उनके पास नकदी की भी कमी है।
रिटेलर्स इस बात की भी तैयारी में जुट गए हैं कि आने वाले समय में वे कैसे अपने कारोबार को आगे बढ़ाएंगे क्योंकि कोरोना काल के दौरान अब वे नए माहौल में कारोबार शुरू करने जा रहे हैं।
कांफ्रेंस में भाग लेने वाले वी-मार्ट रिटेल के सीएमडी ललित अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल की स्थिति में ग्राहक हमारे पास नहीं आएगा, हमें ग्राहकों के पास जाना होगा।
इसे देखते हुए हमें अपनी नीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए रिटेलर्स सोशल मीडिया से लेकर डिजिटल प्लेटफार्म का सहारा ले सकते हैं।
ग्राहकों का जो डाटाबेस उनके पास है, उसके सहारे वे अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग कर सकते हैं और उनके घर पर प्रोडक्ट्स की डिलीवरी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अभी खर्च को कम करने का समय है इसलिए वे अपने खर्च को कम करने की कवायद कर रहे हैं। रेंटल को कम करने की कोशिश की जा रही है।
बाटा इंडिया के सीईओ संदीप कटारिया ने कहा कि दीपवाली तक फिर से मांग निकलने की संभावना है। लेकिन फिलहाल ग्राहकों को स्टोर तक लाने के लिए उनमें भरोसा जगाने की कवायद करनी होगी। उन्होंने बताया कि अभी स्टोर में सिर्फ पुरुष ग्राहक आ रहे हैं जबकि कोरोना काल से 50 फीसद ग्राहक महिलाएं होती थीं।
उन्होंने कहा कि अभी संभल के कारोबार करने की जरूरत है। हालांकि इस प्रकार की स्थिति से अवसर भी निकलते हैं। रिटेलर्स का कहना है कि ग्राहक अभी किसी अनजान स्टोर में जाने से हिचकिचाएगा।
ऐसे में उन्हें अपने स्टोर में ग्राहकों को सुरक्षा का अहसास देना होगा कि वे कोरोना संक्रमण से सुरक्षित है। इस काम के लिए वे अपने स्टोर में बदलाव भी कर रहे हैं।