700 जमातियों के पासपोर्ट दस्तावेज दिल्ली की अपराध शाखा ने जप्त किए
राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात क्राइम ब्रांच ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जमात में भाग लेने आए लगभग 700 जमातियों के पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज क्राइम ब्रांच ने जप्त कर लिए हैं. अपराध शाखा इस बात की भी जांच कर रही है कि इन लोगों को वीजा किस आधार पर और कैसे मिले थे.
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब तक की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच ने दिल्ली की तब्लीगी जमात में भाग लेने आए 700 विदेशियों के पासपोर्ट और यात्रा संबंधी अन्य दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं.
पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर जमाती क्वॉरेंटाइन किए गए थे और इधर-उधर से पकड़े भी गए थे.
दिल्ली पुलिस जानना चाहती है कि इन लोगों को भारत आने के लिए वीजा कैसे मिला था और इन लोगों को वीजा दिलाने में क्या कुछ लोगों ने किसी तरह की कोई मदद की थी. साथ ही दिल्ली पुलिस इन जमातियों की ट्रैवल हिस्ट्री भी खंगाल रही है कि भारत आने के बाद यह लोग कहां-कहां गए थे.
दिल्ली पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि इन जमातीयों के बयान भी बारी-बारी से दर्ज किए जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि इन बयानों के दौरान दिल्ली पुलिस यह जानना चाहती है कि इन जमातीयों को कानून का उल्लंघन करने के लिए किसने उकसाया था और क्या इन लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि भारत सरकार ने एक जगह पर पांच लोगों से ज्यादा रहने पर रोक लगा दी थी.
इन लोगों से पूछताछ के दौरान दिल्ली पुलिस उन लोगों पर भी शिकंजा कसेगी, जिनके जरिए इन जमातीयों को अवैध तरीके से तबलीगी जमात मुख्यालय और अन्य जगहों पर रुकने के लिए कहा गया था.
ध्यान रहे कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया हुआ है, जिसमें तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद और उनके अन्य सहयोगी आरोपी बनाए गए हैं.
मौलाना साद को दिल्ली पुलिस ने जानकारी देने के अनेकों नोटिस दिए हैं, लेकिन अभी तक पेश होने का कोई नोटिस नहीं दिया है.
दिल्ली पुलिस मौलाना साद का सरकारी अस्पताल में कोरोना परीक्षण भी कराना चाहती है, लेकिन अभी तक मौलाना साद की तरफ से दिल्ली पुलिस को इस तरह की कोई सहमति नहीं दी गई है.
दिल्ली पुलिस इस मामले में अब तक मौलाना साद से पूछताछ भी नहीं कर पाई है. उधर प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया हुआ है, जिसके तहत लोगों से पूछताछ जारी है.