इस देश ने अनोखा ‘हथियार’ अपनाकर कोरोना वायरस पर किया काबू…
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में लड़ाई चल रही है. तमाम देश कोरोना को हराने के लिए अलग-अलग तरह से कार्रवाई कर रहे हैं. लेकिन दुनिया के कुछ ही देश ऐसे हैं जिनकी कोरोना से लड़ने के लिए तारीफ हो रही है. इनमें से एक है- ताइवान. आइए जानते हैं ताइवान कोरोना से कैसे लड़ रहा है-
छोटा सा देश ताइवान चीन के बिल्कुल पास स्थित है. ताइवान और चीन के बीच काफी फ्लाइट्स की आवाजाही होती है. इसकी वजह से ताइवान में कोरोना फैलने का बड़ा खतरा था, लेकिन अपने अलग तरह के प्रयास की वजह से ताइवान ने काफी हद तक वायरस को रोक दिया है.
ताइवान में कोरोना वायरस के अब तक सिर्फ 440 मामले सामने आए हैं. वहीं, कोरोना से सिर्फ 6 लोगों की मौतें हुई हैं. इससे पीछे एक प्रमुख वजह है कि ताइवान ने अन्य देशों के मुकाबले काफी पहले से एहतियात बरतना शुरू कर दिया और विदेश से आने वाले लोगों को अनिवार्य रूप से 14 दिन घरों में रहने को कहा गया.
लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में ताइवान के पास एक ऐसा हथियार है जो अन्य किसी देश के पास शायद ही हो. ताइवान में उप राष्ट्रपति पद पर जो शख्स हैं वे महामारी के एक्सपर्ट हैं.
उप राष्ट्रपति चेन चिएन-जेन ने अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी से महामारी मामलों पर ट्रेनिंग ली है और वायरस के एक्सपर्ट हैं. दिलचस्प बात ये है कि उप राष्ट्रपति पद पर होने के बावजूद उन्होंने ताइवान में सत्ता चला रही राजनीतिक पार्टी ज्वाइन नहीं की है.
उप राष्ट्रपति चेन चिएन-जेन खुद देश में फैल रहे संक्रमण पर नजर रखते हैं और वैक्सीन व टेस्टिंग किट तैयार करने पर जोर दे रहे हैं. दूसरी ओर, चेन अपने राजनीतिक पद से वायरस रेस्पॉन्स को लेकर चीन की आलोचना भी कर रहे हैं. ताइवान ने चीन पर ये आरोप लगाया है कि शुरुआत में उसने कोरोना से जुड़ी जानकारी छिपाई.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में कई देशों के शासक जब कोरोना से जुड़े अजीबोगरीब दावे कर रहे हैं, ताइवान के उप राष्ट्रपति साइंस के फैक्ट के आधार पर देश चला रहे हैं. मेडिकल साइंटिस्ट भी उनसे मरीजों के ट्रीटमेंट डेवलप करने के लिए सलाह मांग रहे हैं.
2003 में सार्स वायरस फैलने के दौरान चेन चिएन-जेन ताइवान के टॉप हेल्थ ऑफिसर थे. इसके बाद ही उन्होंने देश को महामारी से लड़ने के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था. देश में आइसोलेशन वॉर्ड्स और वायरस रिसर्च लैब बनाई गई थीं.
दुनिया के तमाम नेता जब कोरोना वायरस फैलने को लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं, चेन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा- ‘राजनीति करने से अधिक जरूरी सबूत हैं.’ हालांकि, 68 साल के चेन 2016 से उप राष्ट्रपति के पद पर हैं और उनके कार्यकाल में अब कुछ ही दिन बचे हैं.
20 मई 2020 को वे पद छोड़ देंगे. लेकिन उनके कामों से ताइवान को आगे भी लाभ मिलता रहेगा. चेन ने कहा है कि वे पद छोड़ने के बाद अकेडमिक्स में लौट जाएंगे और कोरोना वायरस पर रिसर्च ही उनका फोकस रहेगा.