कोरोना को लेकर हैरान कर देने वाली रिपोर्ट आई सामने, चीन में 18 सितंबर को हुआ था…

ये बात है 18 सितंबर 2019 की. दोपहर को वुहान के तिआन्हे एयरपोर्ट के कस्टम ऑफिस में एक इमरजेंसी मैसेज आया. मैसेज में कहा गया कि लैंड करने वाली फ्लाइट में एक पैसेंजर बीमार है और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है. इसके बाद एयरपोर्ट के स्टाफ इमरजेंसी मोड में आ गए.

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, 18 सितंबर को इमरजेंसी मैसेज मिलने के बाद वुहान के एयरपोर्ट पर मौजूद मैनेजर ने अपने स्टाफ को ऐसे इमरजेंसी वक्त के लिए तय की गई पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी. स्टाफ प्रोटेक्टिव मास्क लगाकर जरूरी कार्रवाई करने लगे

ये बात है 18 सितंबर 2019 की. दोपहर को वुहान के तिआन्हे एयरपोर्ट के कस्टम ऑफिस में एक इमरजेंसी मैसेज आया. मैसेज में कहा गया कि लैंड करने वाली फ्लाइट में एक पैसेंजर बीमार है और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है. इसके बाद एयरपोर्ट के स्टाफ इमरजेंसी मोड में आ गए. 

 रिपोर्ट के मुताबिक, 18 सितंबर को इमरजेंसी मैसेज मिलने के बाद वुहान के एयरपोर्ट पर मौजूद मैनेजर ने अपने स्टाफ को ऐसे इमरजेंसी वक्त के लिए तय की गई पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी. स्टाफ प्रोटेक्टिव मास्क लगाकर जरूरी कार्रवाई करने लगे. 

चीन की स्टेट मीडिया के एक पत्रकार के मुताबिक, इसके कुछ वक्त बाद वुहान के प्राथमिक सहायता केंद्र ने जानकारी दी कि जांच में संबंधित मरीज के नॉवेल कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला है

तब चीनी मीडिया ने कहा था कि वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स के आयोजन को लेकर इमरजेंसी रेस्पॉन्स की जांच करने के लिए कोरोना वायरस ड्रिल किया गया. अगले महीने चीन में होने वाले वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में 10 हजार प्रतिभागी हिस्सा लेने वाले थे. अधिकारियों ने ड्रिल को सफल करार दिया था.

लेकिन इंटरनेशनल मीडिया में अब सवाल उठ रहे हैं कि चीन ने इसी अभ्यास को क्यों चुना? सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सवाल उठाए हैं कि उन्होंने नए कोरोना वायरस को लेकर ही ड्रिल क्यों किया?

वहीं, पिछले हफ्ते एक फ्रेंच एथलीट ने कहा था,  उन्हें लगता है कि वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स में हिस्सा लेने के दौरान कई लोग कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे. वर्ल्ड चैंपियन पेंटाथलीट इलोडी क्लाउवेल ने कहा- ‘मिलिट्री गेम्स के दौरान कई एथलीट काफी अधिक बीमार हो गए थे.’ 18 अक्टूबर 2019 से शुरू हुआ वर्ल्ड मिलिट्री गेम्स 9 दिन तक चला था.

बता दें कि कुछ ही दिन पहले ये जानकारी सामने आई थी कि पेरिस के एक अस्पताल में 27 दिसंबर को ही एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो चुका था. मछली बेचने वाले शख्स को तब न्यूमोनिया का संदिग्ध समझा गया था. अस्पताल में मौजूद उसके सैंपल की डॉक्टरों ने जब कोरोना के लिए जांच की तो वायरस की पुष्टि  हुई. वह शख्स विदेश भी नहीं गया था.

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