औरंगाबाद में हुआ बड़ा हादसा, 16 मजदूरों की हुई मौत, कई बुरी तरह घायल…
महाराष्ट्र के औरंगाबाद से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां रेल की पटरी पर प्रवासी मजदूरों को एक मालगाड़ी ने रौंद दिया. औरंगाबाद के जालना रेलवे लाइन के पास ये हादसा हुआ है, जिसमें 16 मजदूरों की मौत हो गई है जबकि कई अन्य मजदूर घायल बताए जा रहे हैं. ये हादसा औरंगाबाद-जालना रेलवे लाइन पर शुक्रवार सुबह 6.30 बजे के करीब हुआ है. रेल मंत्री ने इस घटना के जांच के आदेश दिए हैं.
ये सभी प्रवासी मजदूर अपने घर पैदल जा रहे थे, जिस दौरान ये हादसा हुआ. घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं.
ये सभी मजदूर मध्य प्रदेश के रहने वाले थे, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतक मजदूरों के परिवार वालों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. उन्होंने रेल मंत्री से बात कर घायलों की सहायता करने को कहा है.
रेलवे की ओर से जारी किया गया बयान
दक्षिण सेंट्रल रेलवे की चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर का कहना है कि औरंगाबाद में कर्माड के पास एक हादसा हुआ है, जहां मालगाड़ी का एक खाली डब्बा कुछ लोगों के ऊपर चल गया है. आरपीएफ और स्थानीय पुलिस मौके पर मौजूद है.
भारतीय रेलवे की ओर से इस हादसे को लेकर जो बयान जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि औरंगाबाद से कई मजदूर पैदल सफर कर आ रहे थे, कुछ किलोमीटर चलने के बाद ये लोग ट्रैक पर आराम करने के लिए रुके, उस वक्त मालगाड़ी आई और उसकी चपेट में कुछ मजदूर आ गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी औरंगाबाद में हुए रेल हादसे पर दुख व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि औरंगाबाद में हुए रेल हादसे में जिनकी जान गई है, उससे काफी दुख पहुंचा है. पीएम मोदी ने इस हादसे के बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और हालात का जायजा लेने को कहा है.
कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण देशभर में मजदूर फंस गए थे. कई जगह से हजारों की संख्या में मजदूर पैदल ही अपने गांव-घर की ओर निकल रहे थे. ऐसे में रात को रुकने के लिए सैकड़ों मजदूरों ने रेलवे ट्रैक का सहारा लिया.
बीते दिनों केंद्र सरकार की ओर से मजदूरों को उनके राज्य वापस भेजने की इजाजत दे दी गई थी. जिसके बाद राज्य सरकारों ने बसों की व्यवस्था कर अपने मजदूरों को बुलाया. इसके अलावा रेलवे की ओर से स्पेशल श्रमिक ट्रेन भी चलाई गई हैं, जो मजदूरों को उनके राज्य पहुंचा रही हैं.
लॉकडाउन का जब पहली बार ऐलान हुआ था, उसके बाद से ही लाखों की संख्या में मजदूर जहां पर थे, वहां फंस गए थे. खाने, रोजगार की चिंता में लिप्त मजदूर पैदल ही अपने गांवों की ओर चल दिए थे, इसके पहले भी रास्ते में हुए कुछ एक्सिडेंट में प्रवासी मजदूर अपनी जान बीते दिनों गंवा चुके हैं.
गौरतलब है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अब राज्य सरकारों की ओर से की गई सिफारिश पर स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलवाई जा रही है. इस दौरान राज्य सरकारों की ओर से जो लिस्ट दी जा रही है उन्हें ही ट्रेन में सफर करने की इजाजत दी जा रही है.