‘एक साल तक पत्नी के सिवा किसी से सेक्स नहीं’
अमेरिका के आईडहो प्रांत के एक जज ने बलात्कार के दोषी एक युवक को दिलचस्प सजा सुनाई है। 19 साल के इस युवक को 14 साल की एक नाबालिग लड़की का बलात्कार करने का दोषी पाया गया। अब जज ने कहा है कि एक साल तक वह अपनी पत्नी के सिवा किसी और के साथ सेक्स नहीं कर सकता है। युवक चूंकि कुंवारा है, तो एक साल लंबी प्रॉबेशन अवधि में सेक्स करने के लिए उसे पहले शादी करनी होगी। दोषी युवक का नाम कोडी स्कॉट है। वह ट्विवन फॉल्स का रहने वाला है। जज रैंडी स्टोकर ने पहले कोडी को 5 से 15 साल जेल की सजा सुनाई, लेकिन बाद में उन्होंने एक साल लंबे राइडर प्रोग्राम के लिए इस सजा को निलंबित कर दिया। अगर कोडी यह प्रोग्राम एक साल की अवधि में पूरा कर लेता है, तो उसे रिहा कर दिया जाएगा। जज ने कहा है कि इस एक साल के राइडर प्रोग्राम के दौरान कोडी किसी के साथ भी सेक्स नहीं कर सकता है। अगर उसने ऐसा किया, तो इसे राइडर प्रोग्राम का उल्लंघन माना जाएगा और उसे जेल भेज दिया जाएगा।
जज ने कहा कि कोडी को इस शर्त पर जमानत दिए जाने की जरूरत समझी गई। ऐसा इसलिए कि जांचकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि 19 साल के कोडी के 34 लोगों के साथ शारीरिक संबंध रह चुके हैं। जज ने कोडी से कहा, ‘अगर यह अदालत आपको प्रॉबेशन पर छोड़ती है, तो उसकी शर्त यह होगी कि आप किसी के साथ भी सेक्स नहीं करेंगे। अगर आप इस अवधि में शादी करते हैं, तो फिर अपनी पत्नी के साथ आप शारीरिक संबंध बना सकते हैं।’ कोडी ने मार्च 2016 में 14 साल की नाबालिग के साथ बलात्कार करने के मामले में अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। पीड़िता की मां ने अदालत में कहा, ‘वह शुरुआत से ही मेरी 14 साल की बच्ची का कुंआरापन छीन लेना चाहता था। वह मेरी बच्ची से यही चाहता था।’
प्रॉबेशन की इस शर्त पर प्रतिक्रिया करते हुए एक प्रफेसर सैंड ने कहा कि जज द्वारा रखी गई यह शर्त संभावित तौर पर गैरकानूनी हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘जज की इस शर्त से दोषी के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।’ सैंड ने कहा कि जज को प्रॉबेशन की विशेष शर्तें बनाने की आजादी होती है, लेकिन ये शर्तें संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन न करें इस बात का ख्याल रखना जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर दोषी इसके खिलाफ अपील करे, तो वह जीत जाएगा।’
क्या होता है राइडर प्रोग्राम
मालूम हो कि आईडहो प्रांत में जब किसी को बहुत गंभीर अपराध का दोषी पाया जाता है, तो जज के सामने सजा सुनाने के लिए दो विकल्प होते हैं। पहला विकल्प तो यह कि दोषी को जेल भेज दिया जाए और दूसरे विकल्प के तौर पर उसे निरीक्षण में रखा जाता है। निरीक्षण के दौरान अगर दोषी के व्यवहार में संतोषजनक बदलाव देखा जाता है, तो उसकी जेल की सजा माफ कर दी जाती है। इन दोनों के अलावा तीसरा विकल्प ‘राइडर प्रोग्राम’ भी होता है। इसमें जज दोषी को ‘राइडर प्रोग्राम’ में भेजता है, जो कि पहले और दूसरे विकल्प का मिश्रण है। इसके तहत जज दोषी को जेल की सजा तो सुनाता है, लेकिन फिर उसे आईडहो डिपार्टमेंट ऑफ करेक्शन्स के निरीक्षण में एक साल के लिए भेज देता है। अगर दोषी राइडर प्रोग्राम को एक साल के अंदर पूरा कर ले, तो अदालत उसे जेल भेजने के अपने फैसले की समीक्षा करती है।