बेटा खून से सनी कुल्हाड़ी लेकर थाने पहुंचा और बताई सच्चाई
गदनपुर देवराजपुर गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या के बाद से लोगों में रोष बना है। वहीं कातिल के हमले से जिंदा बचीं वृद्ध दादी और दो पौत्र बुरी तरह सहमे हैं। घटना के बाद पुलिस ने शक के आधार पर साढ़ू के परिवार को हिरासत में लिया तो खून से सनी कुल्हाड़ी लेकर बेटा थाने पहुंच गया। उसने जो बात थाने में बताई, उसे सुनकर सभी के पांव तले जमीन खिसक गई। हालांकि पुलिस अभी हत्या को लेकर कुछ भी बताने से इनकार कर रही है।
साढ़ के घरवालों को हिरासत में लिया
कमालगंज के गदनपुर देवराजपुर गांव में शुक्रवार की रात घर में घुसकर पप्पू जाटव, 35 वर्षीय पत्नी सुलोचना व सात साल के बेटे अतुल की गड़ासे से काटकर हत्या कर दी गई थी। वहीं 65 वर्षीय मां तारावती और 12 वर्षीय विवेक ने कतिलाना हमले में घायल होने के बावजूद भागकर जान बचाई थी। जबकि दस वर्षीय बेटा रजत दुकान पर सामान लेने जाने के कारण बच गया था। घर का नजारा देखकर पुलिस को किसी परिचित का हाथ होने का संदेह हुआ था। वहीं प्राथमिक छानबीन के बाद पुलिस ने पप्पू के साढ़ू की तलाश शुरू की तो वह फरार मिला था। इसपर पुलिस ने साढ़ू की पत्नी व परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया था।
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थाने पहुंचे अवनीश ने बयां किया सच
पप्पू के साढ़ू अर्जुन की पत्नी और उसकी पुत्रवधू को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। इसके कुछ देर बाद अर्जुन का बेटा अवनीश खून से सनी हुई कुल्हाड़ी लेकर कमालगंज थाने पहुंच गया। उसे देख पुलिस कर्मियों के होश उड़ गए। अवनीश ने पुलिस से कहा कि उसने ही मौसा-मौसी व उसके पुत्र की हत्या की है। बताया, मौसा पप्पू का पुत्र दुर्वेश उसकी बहन को कहीं ले गया था। इसमें मौसा के पूरे परिवार का हाथ था। इस कारण पहले मौसा को मारा, फिर मौसी और मौसेरे भाई को मार दिया। रोज-रोज गांव में ताने सुनने से अच्छा था कि मारकर मर जाएं, अब उसे फांसी भी हो जाए तो भी गम नहीं।
चार माह पहले दोनों पक्षों ने दर्ज कराए थे मुकदमे
वारदात के पीछे रंजिश सामने आई है। मृतक पप्पू की बहन सुनीता ने बताया कि चार माह पहले अर्जुन ने उसके व उसके पति बीएसएफ निरीक्षक विनोद कुमार व पुत्र नीलेश के अलावा पप्पू व उसकी पत्नी सुलोचना समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। दूसरी ओर सुलोचना ने अर्जुन और उनके स्वजनों के खिलाफ ऑनर किलिंग का मुकदमा दर्ज कराया था।