शादी से नाराज नाबालिग लड़की ने काटी गुड़िया की गर्दन, देखकर पुलिस रह गए दंग

शादी के आंगन में टूटे हुए खिलौने। एक गुडि़या का धड़ से अलग सिर। बगल में एक तेज चाकू। नाबालिग की शादी को रोकने गए पुलिस-प्रशासन के अधिकारी यह दृश्य देखकर सन्न रह गए। मनोचिकित्सक की मानें तो दरअसल शादी से नाराज नाबालिग किशोरी ने अपना गुस्सा बेजान खिलौनों पर निकाला था।

यह घटना कोलकाता के सटे उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा थाना इलाके के उत्तर काउके मुहल्ले में घटी है। यहां देगंगा के एक मदरसे की कक्षा नौवीं की 15 वर्षीया छात्रा की शादी की जा रही थी। चाइल्डलाइन की सूचना पर शुक्रवार की सुबह पुलिस, बीडीओ कार्यालय के अधिकारी, चाइल्डलाइन के कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे। शादी में रिश्तेदार इकट्ठा हुए थे। लड़की के पिता नेत्रहीन हैं। मां बधिर है। किसी तरह घर-गृहस्थी चलती है। पड़ोसियों ने ही चंदा इकट्ठा कर शादी का इंतजाम किया था। मुहल्लों वालों ने बताया कि उनके परिवार में लड़की को पढ़ाने की वित्तीय क्षमता नहीं थी। इसलिए पढ़ाई रोककर मजबूरीवश नाबालिग की शादी की जा रही थी।

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चाइल्डलाइन की ओर से महेश्र्वर पाल ने बताया कि किशोरी के माता-पिता को समझाया गया है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था की जाएगी ताकि लड़की अपनी पढ़ाई जारी रख सके। बीडीओ कार्यालय के अधिकारियों ने किशोरी के माता-पिता को बताया कि शादी से उनकी लड़की किस कदर तनाव में थी कि उसने अपनी पसंदीदा चीजों को खत्म करने का फैसला लिया। अपने प्रिय खिलौनों को तोड़ दिया और प्यारी गुड़िया  की गर्दन को काट दिया। यह एक डरावना दृश्य था। किशोरी के माता-पिता ने बताया कि 18 साल के बाद ही वह अपनी लड़की की शादी करेंगे।

घटना के बारे इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के उपाध्यक्ष गौतम साहा ने कहा कि गुड़िया का गला काटना वास्तव में एक प्रतीकात्मक विरोध है। वास्तव में खेलने और पढ़ने की उम्र में उसकी किशोरावस्था की हत्या की जा रही थी। इसीलिए लड़की ने अपनी सबसे प्यारी चीजों का गला घोट दिया और चुपचाप अपना गुस्सा जाहिर किया।

उत्तर 24 परगना की जिला मजिस्ट्रेट चैताली चक्रवर्ती ने कहा कि नाबालिग की शादी करने पर प्रशासन की ओर से उसे रोक दिया जाता है। लेकिन परिजनों को भी इसके बारे में जागरूक होना होगा।

हालांकि, यह घटना कुछ सवाल खड़े करती है। सरकार की ओर से कन्याश्री, रूपश्री परियोजना के अलावा अल्पसंख्यकों की शिक्षा के लिए ढेर सारी योजनाएं, तमाम वित्तीय परियोजनाएं चलाने के बावजूद, नाबालिगों की शादी को क्यों नहीं रोका जा सका है। 

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