कोरोना के चलते चार रुपये किलो बिक रहा चिकन, पोल्ट्री बेल्ट को तीन हजार करोड़ का नुकसान

कोरोना वायरस के असर से पोल्ट्री उद्योग चरमराने लगी है। चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत तक कमी आने से मुर्गी और अंडे के रेटों में भारी गिरावट आ गई है। हालांकि इस बारे में पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर चिकन और मांस खाने से कोरोना फैलने से इनकार किया है।

इसके बाद भी लोग चिकन और अंडा खाने से बच रहे हैं। रायपुररानी क्षेत्र के पोल्ट्री उद्योग को 20 दिन में अब तक करीब तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

बरवाला रायपुररानी क्षेत्र में स्थित एशिया की दूसरे नंबर की पोल्ट्री बेल्ट है। हरियाणा पोल्ट्री एसोसिएशन के प्रधान दर्शन सिंगला का कहना है कि बरवाला व रायपुररानी क्षेत्र से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, कोलकाता, बिहार, दिल्ली, असम और उत्तर-प्रदेश सहित कई राज्यों को अंडा और मुर्गी सप्लाई की जाती है।

करीब 20 दिन से बरवाला रायपुररानी क्षेत्र के पोल्ट्री उद्योग को अब तक करीब तीन हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि पहले मुर्गी का रेट 50 रुपये किलो था जो अब घटकर 4 रुपये किलो रह गया है।

वहीं अंडे का रेट 4 रुपये 80 पैसे से घटकर 2 रुपये 30 पैसे रह गया है। लोग चिकन खाने से भी परहेज कर रहें हैं। इसके चलते बाजार में भी चिकन की मांग में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है।

वहीं दुकानदारों का दावा है कि कोरोना वायरस के चलते चिकन की बिक्री में 80 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर कहा था कि चिकन व अन्य मास के खाने से कोरोना वायरस नहीं फैलता है इसके बावजूद लोग चिकन खाने से बच रहे हैं। इसका असर सीधे पोल्ट्री उद्योग पर पड़ रहा है।

वहीं पोल्ट्री फार्म संचालकों को मुर्गियों की खुराक जैसे मक्की, बाजरा व अन्य की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। उनके अनुसार पोल्ट्री उद्योग बंद करने की नौबत आ गई है। पोल्ट्री एसोसिएशन ने सरकार से पोल्ट्री उद्योग को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

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