कमलनाथ सरकार ने सिंधिया के समर्थक वाले 6 मंत्रियों को दिखाया बाहर का रास्ता
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश पर 6 मंत्रियों (इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसौदिया, परद्युम्न सिंह तोमर और डॉ. प्रभुराम चौधरी) को राज्य मंत्रिमंडल से निकाल दिया है। ये मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं। सिंधिया पिछले दिनों कांग्रेस छोड़कर भाजपा शामिल हुए हैं।
22 विधायकों को इस्तीफा नहीं किया गया स्वीकार
बताया जाता है कि इन मंत्रियों सहित 19 विधायक इन दिनों बेंगलुरू में हैं। कुल 22 विधायकों ने मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा था लेकिन उसे स्वीकार नहीं किया गया है। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा के खेमे में जाने और 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों को नोटिस जारी कर उनके सामने पेश होने के लिए कहा है। बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस के 11 विधायकों को नोटिस दिए हैं। सबसे पहले छह मंत्रियों को नोटिस दिए गए । सभी को 13 तारीख तक जवाब देना था।
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Madhya Pradesh Governor Lalji Tandon (in file pic) expels 6 ministers (Imarti Devi, Tulsi Silawat, Govind Singh Rajput, Mahendra Singh Sisodia, Pardyuman Singh Tomar and Dr Prabhuram Chaudhary) from Cabinet on recommendation of Chief Minister Kamal Nath. pic.twitter.com/P30a6FlFat
— ANI (@ANI) March 13, 2020
दो मंत्रियों से धक्का मुक्की और मारपीट के कुछ वीडियो फुटेज जारी
उधर, एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद दिग्विजय सिंह और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने भोपाल में गुरुवार को पत्रकारवार्ता में ये आरोप लगाए तथा रिसॉर्ट में दो मंत्रियों के साथ धक्का मुक्की और मारपीट के कुछ वीडियो फुटेज जारी किए।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह यादव अपने विधायक साथियों से मिलने रिसॉर्ट गए थे और उन्हें वापस लाने के लिए उनसे बातचीत करना चाह रहे थे। मगर रिसॉर्ट प्रबंधन तथा विधायकों के लिए तैनात पुलिसकर्मियों ने मंत्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया।
भाजपा ने कहा 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट, कांग्रेस ने कहा, नहीं हो सकता
मध्य प्रदेश में 16 मार्च को भाजपा (BJP) ने बहुमत साबित करने को लेकर राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है। वहीं, मध्य प्रदेश में बने राजनीतिक हालात को देखते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि 19 कांग्रेस के विधायक भाजपा के कब्जे में है।
फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता, क्योंकि 19 विधायकों द्वारा प्रस्तुत इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। उन्हें शारीरिक रूप से अध्यक्ष के सामने आना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक पुलिस के द्वारा बंधक बनाया हुआ है। हमारे मंत्रियों जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ बदतमीजी की जा रही है।’