कोरोनावायरस के कहर से बचने के लिए ये… चीजें करें खाने में शामिल

कोरोनावायरस को लेकर देश दुनिया में चाहे जो खलबली मची हो, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो कोरोनावायरस को लेकर बहुत अधिक डरने की जरूरत नहीं है। यह स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी है जो कभी अपने आप तो कभी दवाइयां लेने से ठीक हो जाती है।

दून मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केसी पंत के मुताबिक कोरोनावायरस से संक्रमित 100 मरीजों में से महज दो फीसदी मरीजों की मौत होती है। जिन व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है वे बीमारी से संक्रमित होने के बावजूद ठीक हो जाते हैं।

बस थोड़ा एहतियात बरतने की जरूरत हैं। डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, टीबी के अलावा क्रोनिक बीमारियों से पीड़ित मरीजों में यदि कोरोनावायरस का संक्रमण होता है तो खतरा थोड़ा ज्यादा होता है।

बकौल डॉ. पंत बुजुर्गों व बच्चों को संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में बुजुर्गों व बच्चों को लेकर थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। गांधी शताब्दी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार कोरोनावायरस को लेकर बहुुत अधिक डरने की जरूरत नहीं है।

कुछ एहतियात बरतकर इससे बचा जा सकता है। एहतियात बरतने के साथ ही खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहे।

विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोनावायरस बचने के लिए लोगों को दैनिक खानपान में अदरक, लहसुन के साथ ही संतरा, अंगूर जैसे फलों को शामिल करना होगा। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के मुताबिक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-सी युक्त चीजोें मसलन आंवला, चेरी का अत्यधिक सेवन करना होगा। इसके अलावा रिफाइंड तेल की जगह नारियल का तेल इस्तेमाल करना चाहिए।

कोरोनावायरस से विश्व में हड़कंप मचा है और दिल्ली, नोएडा व आगरा में भी कोरोनावायरस से ग्रसित मरीज भी मिले हैं। इसके बावजूद कॉर्बेट प्रशासन की ओर से सतर्कता नहीं बरती जा रही है। यहां आने वाले विदेशी सैलानियों की जांच पड़ताल नहीं हो रही है।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में विदेशी सैलानी काफी संख्या में आते हैं। ऐसे में विदेशी सैलानियों को लेकर कॉर्बेट प्रशासन की ओर से कोई तैयारी नहीं की गई है। अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 तक देशभर के दो लाख 35 हजार सैलानी कॉर्बेट पार्क घूम चुके हैं। वहीं इस दौरान पांच हजार से अधिक विदेशी सैलानी कॉर्बेट घूमने आए। दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 तक एक हजार से अधिक विदेशी सैलानी पार्क में भ्रमण कर चले गए।

कोरोनावायरस को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए जा रहे हैं। हालांकि यहां आने वाले किसी विदेशी सैलानी के स्वास्थ्य की जांच नहीं की गई।

वैसे तो राजधानी देहरादून समेत राज्य के किसी भी इलाके में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। बावजूद इसके बाजार में मास्क की बिक्री तेज होने के साथ ही इसकी किल्लत भी शुरू हो गई है।

सांई कृपा मेडिकोज के संचालक अरविंद शर्मा ने बताया कि उनके पास प्रतिदिन औसतन 100 मास्क की बिक्री हो रही है। अब मास्क समाप्त होने वाले हैं। नए मास्क मंगाने के लिए आर्डर किया तो डिस्ट्रीब्यूटर्स से यह तर्क देते हुए मास्क देने से इनकार कर दिया है कि उसके पास मास्क नहीं आ रहे हैं।

शरणागत प्रभुराम डिस्ट्रीब्यूटर्स के मालिक अनिल बत्रा ने बताया कि कोरोनावायरस को लेकर जब से देश दुनिया में खलबली मची है। इसके बाद से मास्क की मांग तेजी से बढ़ी है।

बकौल अनिल बत्रा मास्क बनाने के काम वाले तमाम पदार्थ चीन से आते हैं, लेकिन चीन में कोरोनावायरस फैलने के साथ ही इसकी आपूर्ति ठप हो गई है। इससे मास्क की कमी शुरू हो गई है। मास्क निर्माता कंपनियों का कहना है कि जब मास्क बनाने का सामान ही कम है तो ऐसे में कैसे मास्क बनाया जाए।

चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो बाजार में एन- 93, एन- 95, एन- 97, एन-98 सीरीज के साथ ही दो लेयर व तीन लेयर वाले मास्क बाजार में उपलब्ध हैं। बाजार में इनकी कीमत आठ से 250 रुपये तक है।

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