जल निगम का JE और सुपरवाइजर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

UP जल निगम के र्जेई अश्वनी कुमार और उसके एक निजी सहयोगी को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार दोपहर 50 हजार रुपये की घूस लेते धर दबोचा। आरोपी जेई ने गाजियाबाद के ठेकेदार से 29 लाख रुपये के बकाया भुगतान की फाइल पास करने की एवज में रिश्वत मांगी थी।

टीडीआई सिटी स्थित कार्यालय में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम में केस दर्ज किया गया है। शनिवार को आरोपियों को बरेली स्थित अदालत में पेश किया जाएगा।

एंटी करप्शन ब्यूरो की मुरादाबाद इकाई के प्रभारी अब्दुल रज्जाक ने बताया कि गाजियाबाद जनपद के कविनगर गोविंदपुरम निवासी योगेंद्र कुमार त्यागी जल निगम में ठेकेदार हैं। मुरादाबाद लाइन पार स्थित ढक्का में गरीबों के लिए आवासों का निर्माण किया जा रहा है। इन आवासों का निर्माण जल निगम की सीएनडीएस कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विस (सीएनडीएस) निर्माण कर रहा है।

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इसके ठेकेदार योगेंद्र त्यागी ने भी आवास निर्माण कराने का ठेका लिया था। ठेकेदार के मुताबिक वह 29 लाख बकाए भुगतान के लिए सीएनडीएस के दफ्तर के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन पिछले डेढ़ माह से जेई उनकी फाइल आगे नहीं बढ़ा रहा था। आरोप है कि जेई ने पचास हजार की घूस मांगी थी। इसके बाद जेई ने एंटी करप्शन ब्यूरो के दफ्तर में पहुंचकर शिकायत की।

इस पर योजना बनाकर एंटी करप्शन के निरीक्षक विक्रम सिंह और निरीक्षक राखी चौधरी के नेतृत्व में टीम ने घेराबंदी कर ठेकेदार से पचास हजार रुपये लेते हुए जेई अश्वनी कुमार निवासी किताबी मुजफ्फर नगर और उसके निजी सहयोगी पंकज निवासी हनुमान नगर लाइन पार थाना मझोला को रंगे हाथों दबोच लिया।

निरीक्षक विक्रम सिंह बताया कि टीडीआई के सीएनडीएस के कार्यालय में ठेकेदार ने आरोपी जेई को पचास हजार रुपये दिए और उसने यह रकम अपने निजी सहयोगी पंकज के हाथ में दी ही थी कि करप्शन टीम ने दोनों को रंगे हाथों दबोच लिया। हाथ धुलवाते ही दोनों के हाथ लाल रंग से सराबोर हो गए। इन दोनों के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है।

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