भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा संकट? जल्द ही बड़े ऐलान करने की जरूरत

भारत को अभी तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था गिना जा रहा था. लेकिन पिछले कुछ महीनों से अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को एक के बाद एक कई बड़े झटके लगे हैं. चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर (GDP) घटकर 4.5 फीसदी रह गई है जो इसका 6 साल का निचला स्तर है. 

हर कोई इस इंतजार में है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी आएगी. सरकार भी इस दिशा में लगातार कदम उठा रही है.  लेकिन इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त के अनुमान को काफी घटा दिया है. आईएमएफ ने कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20  में भारत जीडीपी ग्रोथ रेट महज 4.8 फीसदी रहेगी.

यह भी पढ़ें: CAA और NRC के खिलाफ वंचित बहुजन अघाड़ी का महाराष्ट्र बंद आज

देश का मिजाज जानने के लिए एक समाचार पत्र ने इसी महीने एक सर्वे किया. जिसमें अर्थव्यवस्था से जुड़े कई सवाल थे. ‘मूड ऑफ द नेशन’ में लोगों के सामने एक सवाल था कि मौजूदा भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर आपको क्या जानकारी है? यानी लोगों से पूछा गया कि मौजूदा दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था कैसी है?

इस सर्वे में 29 फीसदी लोगों ने कहा कि अर्थव्यवस्था सही दिशा में है और चिंता की कोई बात नहीं है. 32 फीसदी लोगों ने कहा कि पहले के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ी है. 18 फीसदी लोगों ने कहा कि अर्थव्यवस्था में ग्रोथ नहीं हो रही है. जबकि 10 फीसदी लोगों ने साफ कहा कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत बहुत पिछड़ गया है.

सर्वे की मानें तो करीब 71 फीसदी लोग भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित हैं. यही नहीं, पिछले 6 महीनों में आर्थिक मोर्चे पर जनता का भरोसा सरकार पर से डिगा है. अगस्त-2019 में 9 फीसदी लोगों के लिए आर्थिक सुस्ती सबसे बड़ा मुद्दा था. जबकि जनवरी-2020 में यह आंकड़ा बढ़कर 10 फीसदी हो गया है.

इसके अलावा सर्वे में 5 ट्रिलियन इकोनॉमी को लेकर भी सवाल पूछा गया. लोगों के सामने सवाल था कि क्या 2024 तक भारतीय इकोनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी? सर्वे में 42 फीसदी लोगों ने कहा कि लक्ष्य हासिल हो सकता है. जबकि 34 फीसदी ने लोगों ने कहा कि 2024 तक संभव नहीं है. जबकि 24 फीसदी लोगों ने या तो इसका जवाब देने से इनकार कर दिया या फिर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई पता नहीं है.

इस ताजा सर्वे में 49 फीसदी लोगों ने माना कि 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार आने  के बाद से ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में तेजी से सुधार हुआ है. जबकि अगस्त-2019 में ऐसा मानने वालों की संख्या करीब 54 फीसदी थी.  भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर सर्वे में जो आंकड़े आए हैं उसे देखकर लगता है कि सरकार को अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए जल्द बड़े ऐलान करने की जरूरत है.

Back to top button