पश्चिमी UP को JNU-जामिया में दे दो 10% आरक्षण, सबका कर देंगे इलाज: केंद्रीय मंत्री संजीव
सीएए जागरूकता रैली को प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने भी संबोधित किया। रैली के हुजूम से ही सवाल किया कि बोलो नागरिकता संशोधन कानून लाकर प्रधानमंत्री ने शानदार काम किया कि नहीं? लोगों ने हां बोला तो उनका अंदाज और कड़क हुआ। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत में रहकर भारत के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाते हैं, उनकी मंशा पूरी नहीं होने देंगे। उन्हांेने 20 दिसंबर की ¨हसा के दौरान संपत्ति के नुकसान के बारे में कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने पत्थर उठाने वालों को नहीं छोड़ा। भीड़ से सवाल किया कि वसूली होनी चाहिए या नहीं? लोगों ने फिर हां कहा।
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संजीव बालियान ने कहा, ‘मैं राजनाथ जी से निवेदन करूंगा, जो जेएनयू, जामिया में देश का विरोध में नारे लगाते हैं इनका इलाज एक ही है, पश्चिम उत्तर प्रदेश का वहां 10 फीसदी आरक्षण करवा दो, सबका इलाज कर देंगे, किसी की जरूरत नहीं पड़ने की.’
मुसलमान नहीं विपक्षियों को है डर : महेश
पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी मुसलमान को कोई डर नहीं है। उनका कोई नुकसान भी नहीं होने वाला। विपक्षी पार्टियों को अपना वोट बैंक खिसकने का डर है। मुसलमानों को डर दिखाकर जो माहौल पैदा कर रहे हैं, उसे लोग समझ रहे हैं। तनाव पैदा करके हिंसा का माहौल इसलिए विपक्षियों ने बनाया जिससे देश की एकता टूटे और उन्हें राजनीति करने का मौका मिले।
सीएए का विरोध.. मतलब जनता का अपमान : राजेंद्र
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने रैली को संबोधित करने के दौरान कहा कि सीएए संसद की दोनों सदनों ने पास किया। कानून का विरोध करना संसद का अपमान है। संसद में जनता के जनप्रतिनिधि कानून पास करते हैं, इसलिए यह देश की जनता का अपमान है। उन्होंने बताया कि गांधीजी, नेहरू, डॉ.आंबेडकर ने देश के बंटवारे के समय ही कहा था कि यदि पाकिस्तान में हंिदूू, सिख, बौद्ध, पारसी आदि अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय हुआ, तो उनके लिए भारत हमेशा खड़ा रहेगा। कुछ समय पहले मनमोहन सिंह ने भी नागरिकता कानून की जरूरत बताई थी।
मैं रहा सीएए की कमेटी का चेयरमैन : सत्यपाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री व बागपत के सांसद डा. सत्यपाल सिंह ने रैली संबोधन के दौरान बताया कि उन्हें उस संयुक्त संसदीय कमेटी का चेयरमैन बनने का मौका मिला, जो नागरिकता संशोधन कानून लाने से पहले बनाई गई थी। इस नाते उन्होंने देश के विभिन्न शहरों व प्रदेशों में दौरा किया। यह कानून बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में 2019 में एक हजार लड़कियों का धर्म परिवर्तन हुआ। इस पर वहां के सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है। अहमदाबाद में 28 डाक्टर रह रहे हैं, जो पाकिस्तान में प्रताड़ित होने के कारण आए हैं। इनमें कई जूते की दुकान पर काम कर रहे हैं। वे आधार नहीं बनवा पाए। ऐसे लोगों के लिए यह कानून आया है।