आज होनी थी निर्भया के दोषियों को फांसी, अब 1 फरवरी को भी मुश्किल, ये है वजह

बेंगलुरू। दिल्ली सरकार के जेल मैनुअल में संशोधन के चलते एक तरफ जहां निर्भया के दोषी सुनिश्चित हो चुकी फांसी को लटकने से की रोजाना नई-नई तरकीब निकाल रहे हैं तो दूसरी तरफ इंदिरा जयसिंह जैसी वरिष्ठ वकील के जरिए मानवाधिकार की दुहाई देकर निर्भया की मां को चारों दोषियों को माफ करने की कवायद शुरू कर दी गई।

निर्भया

निर्भया को इंसाफ के लिए पिछले 7 वर्षो से कोर्ट में भटक रही Nirbhaya की मां आशा देवी पर क्या गुजर रही है, यह शायद कोई नहीं सोच रहा। निर्भया की मां ने दिल्ली सरकार की वकील रहीं इंदिरा जयसिंह को तो ठगा से जवाब तो दिया है, लेकिन निर्भया के दोषियों को फांसी आखिर कब होगी इसका जवाब नहीं तलाश पाई है।

गौरतलब है दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट ने Nirbhaya की मां की अपील पर गत 18 दिसंबर को आज ही के दिन 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वारेंट जारी किया था, लेकिन चारों दोषियों में से एक दोषी के राष्ट्रपति को भेजे दया याचिका खारिज नहीं होने की वजह से कोर्ट ने फांसी पर लटकाने की तारीख 22 से आगे बढ़ाकर 1 फरवरी कर दिया, लेकिन अब नए डेथ वारेंट पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

क्योंकि चारों दोषी बारी-बारी से डेथ वारेंट के खिलाफ दया याचिका का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे फांसी की तारीख को टाला जा सके। चूंकि अभी दो और दोषियों द्वारा दया याचिका भेजा जाना बाकी है इसलिए माना जा रहा है कि अभी निर्भया को इंसाफ मिलने में और वक्त लग सकता है।

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बीजेपी ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी पर Nirbhaya के दोषियों को बचाने का आरोप लगाया तो दिल्ली सीएम ने बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि निर्भया पर राजनीति ठीक नहीं है और सफाई देते हुए कहा कि निर्भया के दोषियों की फांसी सभी चाहते हैं। हालांकि जब निर्भया की मां से सवाल किया गया तो उन्होंने भी केजरीवाल की कामकाज पर सवाल उठा दिए।

उल्लेखनीय है दिल्ली सरकार के अधीन जेल विभाग के जेल मैनुअल में वर्ष 2018 में किए गए संशोधन के चलते निर्भया के चारों आरोपी फांसी से बचने की तरकीब मिली है। जेल मैनुअल में बदलाव के लिए दिल्ली की हाईकोर्ट भी दिल्ली की केजरीवाल सरकार को फटकार लगा चुकी है। हाईकोर्ट भी जेल मैनुअल किए गए बदलाव को फांसी में हो रही देरी के लिए जिम्मेदार ठहरा चुकी है।

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