इस देश को भारी पड़ गई पाकिस्‍तान की दोस्‍ती, अब भारत से बात करने को बेकरार

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पर बयानबाज़ी और पाकिस्तान से दोस्ती मलेशिया को भारी पड़ती दिख रही है। भारत ने मलशिया से पाम ऑइल के आयात में कटौती कर दी है। लिहाजा वहां पाम ऑयल की कीमतें 11 साल के सबसे नीचले स्तर पर पहुंच गई हैं। मलेशिया पाम ऑयल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। कीमतों में आ रही गिरावट के चलते मलेशिया खासा परेशान है और अब वो भारत से दोबारा बातचीत की तैयारी में है।

पाकिस्तान

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अगले सप्ताह दावोस में होने वाली वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की मीटिंग से मलेशिया के वाणिज्य मंत्री डारेल लेइकिंग भारतीय समकक्ष पीयूष गोयल से मुलाकात कर सकते हैं। फिलहाल इस मीटिंग का कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि पाम ऑयल के आयात पर बातचीत हो सकती है। इस बीच पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने मलेशिया के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है। कहा जा रहा है कि भारत भी चाहता है कि मलेशिया से उसके अच्छे रिश्ते बने रहे। मलेशिया में भारतीय मूल के 10 लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं।

भारत में कुल खाद्य तेल का एक तिहाई हिस्सा पाम ऑयल का होता है। भारत सालाना तौर पर करीब 90 लाख टन पाम ऑयल आयात करता है। ज्यादातर इसका आयात इंडो​नेशिया और मलेशिया से किया जाता है। हालांकि सरकार की चेतावनी के बाद अब भारत के पाम ऑयल आयातक इंडोनेशिया से 10 डॉलर प्रति टन की प्रीमियम दर पर पाम ऑयल का आयात कर रहे हैं।

बता दें कि पिछले कुछ समय से एशियाई देश मलेशिया कश्मीर और CAA- NRC जैसे मुद्दों को लेकर भारत का विरोध कर रहा है। साथ ही वो इसे अंतराष्ट्रीय मंचों पर भी उठा रहा है। इतना ही नहीं उसने भारत से भागे जाकिर नाइक को को भी पिछले तीन साल से पनाह दे रखी है।

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पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को भारत का आक्रमण करार दिया था। महातिर ने भारत और पाकिस्तान को इस मुद्दे पर बात करने की भी सलाह दी थी।

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