सीएए पर अचानक बदल गईं ममता बनर्जी, विपक्ष से कर लिया किनारा
कोलकाता। नागरिकता विवाद को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी कांग्रेस और वाम दलों के खिलाफ खड़ी हो गई हैं। उन्होंने कहा है कि ये बंगाल में गंदी राजनीति कर रहे हैं, और यही वजह है कि वह सीएए और एनआरसी की लड़ाई अकेले ही लड़ेंगी।
ममता ने इसी के साथ फैसला लिया है कि वह 13 जनवरी को होने वाली विपक्ष की बैठक का भी बहिष्कार करेंगी। इससे पहले सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
गुरुवार को एनसीपी चीफ शरद पवार की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं के साथ ‘गांधी शांति यात्रा’ की शुरुआत की। इस मौके पर अटल सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा भी मौजूद रहे। यह यात्रा 21 दिनों तक मुंबई से दिल्ली के बीच निकाली जाएगी। दिल्ली में 30 तारीख को इसका समापन होगा।
वहीं गेटवे ऑफ इंडिया पर यात्रा की शुरुआत से पहले यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम फिर से गांधी की हत्या नहीं होने देंगे और न ही देश को विभाजित होने देंगे। इस दौरान वंचित बहुजन अघाडी के प्रकाश अंबेडकर और अन्य नेता भी मौजूद रहे।
इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली में 13 जनवरी को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक का भी बहिष्कार करेंगी। इस बैठक को सोनिया गांधी ने आयोजित किया है।
बनर्जी ने कहा था कि वह केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों, सीएए और प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में बुलाए गए बंद के मकसद का समर्थन करती हैं लेकिन उनकी पार्टी और सरकार किसी भी प्रकार के बंद के विरोध में हैं।