B’Day Spl: शर्मिला टैगोर को इन किरदारों ने बनाया सुपरस्टार


किरदार: अपर्णा
फिल्म: अपुर संसार (1959)
साल 1959 में आई फिल्म ‘अपुर संसार’ से शर्मिला टैगोर ने सिनेमाई संसार में कदम रखा। यह बंगाली सिनेमा की एक ड्रामा फिल्म है। इसकी पटकथा और निर्देशन मशहूर फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ने किया है। यह फिल्म 1932 के बिभूतिभूषण बंदोपाध्याय ks बंगाली उपन्यास ‘अपराजितो’ के अंतिम दो तिहाई भाग पर आधारित है। इस फिल्म में अपर्णा का किरदार शर्मिला टैगोर ने निभाया है। अपनी पहली ही फिल्म में एक दिमागी तौर पर बीमार लड़की का किरदार निभाने पर उनकी बहुत तारीफें हुईं। शर्मिला टैगोर के अलावा फिल्म के मुख्य कलाकार सौमित्रा चटर्जी, आलोक चक्रवर्ती और स्वपन मुखर्जी हैं।
किरदार: चंपा चमेली
फिल्म: कश्मीर की कली (1964)
साल 1964 में आई शक्ति सामंत निर्देशित फिल्म ‘कश्मीर की कली’ 1961 में आई हॉलीवुड फिल्म ‘कम सेप्टेम्बर’ पर आधारित है। शर्मिला टैगोर ने हिंदी सिनेमा में इसी फिल्म के साथ कदम रखा था। कहानी में राजीव एक रईस घर का लड़का है। उसकी शादी तय हो जाती है। शादी से बचने के लिए वह घर से भाग जाता है और कश्मीर पहुंच जाता है। वहां उसकी मुलाकात एक कश्मीरी लड़की चंपा से होती है। वह उससे प्यार करने लगता है। राजीव को वहां कुछ ऐसी सच्चाइयों का पता चलता है, जो उसकी पूरी ज़िंदगी बदल देती हैं। कश्मीरी लड़की चंपा के किरदार में दर्शकों ने शर्मिला टैगोर को काफी पसंद किया गया। उनके अभिनय को भी खूब सराहा गया। इस फिल्म में शर्मिला टैगोर, शम्मी कपूर, प्राण और नज़ीर हुसैन मुख्य भूमिका में हैं।
किरदार: उमा शर्मा
फिल्म: अनुपमा (1966)
साल 1966 में आई फिल्म ‘अनुपमा’ एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। इसका निर्देशन हृषिकेश मुखर्जी ने किया है। इस फिल्म को दर्शकों और आलोचकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। कहानी में उमा के जन्म के वक़्त उसकी मां का देहांत हो जाता है। इसी वजह से उमा के पिता उसे पसंद नहीं करते। उमा के लिए दिक्कतें और बढ़ जाती हैं जब उसके होने वाले पति के दोस्त अशोक से उमा को प्यार हो जाता है। आगे की कहानी इसी रिश्ते की उधेड़बुन में गुजरती है। फिल्म में उमा का किरदार शर्मिला टैगोर ने निभाया है। इस फिल्म में उनके अभिनय की बहुत सराहना की गईं। शर्मिला टैगोर के साथ धर्मेंद्र और देवन वर्मा फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं।
किरदार: दीपा/रूपा
फिल्म: एन इवनिंग इन पेरिस (1967)
फिल्म ‘एन इवनिंग इन पेरिस’ 1967 में आई एक रोमांटिक थ्रिलर फिल्म है। इसका निर्देशन शक्ति सामंत ने किया है और सचिन भौमिक ने पटकथा लेखन किया है। फिल्म की कहानी फ्रांस की राजधानी पेरिस शहर में घूमती है। इस फिल्म में शर्मिला टैगोर ने दोहरा किरदार निभाया है। कहानी में अमीर लड़की दीपा सच्चे प्यार की खोज में पेरिस जाती है। वहां उसकी मुलाकात श्याम से होती है और वह श्याम से प्यार करने लगती है। वहीं, शेखर (प्राण), दीपा की दौलत हड़पने के चक्कर में रहता है। वह दीपा का अपहरण कर लेता है और उसकी जगह दिपा के जैसी दिखने वाली सूजी को भेज देता है। लेकिन, श्याम पूरी सच्चाई को खोज निकलता है। इस फिल्म में शर्मिला टैगोर ने अपने दोहरे चरित्र को बखूबी निभाया। शर्मिला टैगोर के साथ शम्मी कपूर और प्राण इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं।
किरदार: रंजना
फिल्म: सत्यकाम (1969)
वर्ष 1969 में आई फिल्म ‘सत्यकाम’ एक ड्रामा फिल्म है। इसे हृषिकेश मुखर्जी ने निर्देशित किया है। फिल्म की कहानी नारायण सान्याल ने लिखी है। कहानी में एक विचारक एक लड़की से मिलता है। जिसका बलात्कार हो गया था। वह उस लड़की से शादी भी कर लेता है लेकिन, उसके विचार उस लड़की को और उसके बच्चे को पूरी तरह से नहीं अपनाने देते। फिल्म की पूरी कहानी इसी के इर्द गिर्द घूमती है। बलात्कार पीड़ित लड़की का किरदार शर्मिला टैगोर ने निभाया। एक मजबूर लड़की के रूप में उनके अभिनय को बहुत पसंद किया गया। फिल्म के मुख्य कलाकार धर्मेंद्र, शर्मिला टैगोर, संजीव कुमार और अशोक कुमार हैं।
किरदार: वंदना त्रिपाठी
फिल्म: आराधना (1969)
साल 1969 में आई फिल्म ‘आराधना’ एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। इसको शक्ति सामंत ने निर्देशित और निर्मित किया है। फिल्म का कलेवर 1946 में आई हॉलीवुड फिल्म ‘टू ईच हिज ओन’ से प्रेरित है। फिल्म में वंदना और अरुण एक प्रेमी युगल है। एक दिन वह सबसे छुपकर एक साथ भाग जाते हैं और शादी कर लेते हैं। उनके एक बच्चा भी हो जाता है। जल्द ही एक हवाई दुर्घटना में अरुण की मौत हो जाती है। फिर उनकी शादी कोई मानता नहीं है। वंदना के परिवारीजन उसके बच्चे को किसी को गोद देने के लिए दवाब डालते हैं। इस फिल्म में लाजवाब अभिनय के लिए शर्मिला टैगोर को पहला फिल्मफ़ेयर अवार्ड मिला। फिल्म में शर्मिला टैगोर, राजेश खन्ना, सुजीत कुमार और फरीदा जलाल मुख्य भूमिका में हैं।
किरदार: पुष्पा
फिल्म: अमर प्रेम (1972)
साल 1972 में आई फिल्म ‘अमर प्रेम’ एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन शक्ति सामंत ने किया है। इस फिल्म कई संवाद जैसे, ‘आई हेट टीयर्स पुष्पा’, आज भी आम बोलचाल में कहे जाते हैं। कहानी में पुष्पा को उसका पति घर से निकाल कर दूसरी शादी कर लेता है। निराश पुष्पा अपनी मां के घर जाती है। बाद में एक संबंधी पुष्पा को कलकत्ता के एक वेश्यालय में बेच देता है। इस फिल्म में पुष्पा को कई यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। पुष्पा के किरदार में शर्मिला टैगोर ने शानदार अभिनय किया है। इसके लिए उन्हें खूब सराहना मिली। फिल्म में राजेश खन्ना, शर्मिला टैगोर, मदन पुरी, विनोद मेहरा आदि मुख्य भूमिका में हैं।
किरदार: चंदा थापा
फिल्म: मौसम (1975)
गुलजार के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मौसम’ 1975 की एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है। यह फिल्म ‘द जुडास ट्री’ नामक उपन्यास पर आधारित है। कहानी में दार्जिलिंग में पढ़ने आये अमरनाथ के साथ चंदा शारिरिक संबंध बना लेती है। किसी वजह से अमरनाथ अपने शहर लौट जाता है और सालों बाद दार्जिलिंग आता है। वहां अमरनाथ देखता है कि चंदा की मौत हो चुकी है। उन दोनों की एक बेटी है जोकि, अब वेश्या बन चुकी है। इस फिल्म चंदा के किरदार में शर्मिला टैगोर ने बेहतरीन अभिनय किया। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। फिल्म के मुख्य कलाकार संजीव कुमार, शर्मिला टैगोर, ओम शिवपुरी और दीना पाठक हैं।





