PAK: नजरबंदी के लिए आतंकी सईद ने पीएम मोदी-ट्रंप को ठहराया जिम्मेदार

ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ने के बीच मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद सोमवार रात लाहौर में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत नजरबंद कर दिया गया। नजरबंद होने के बाद आतंकी हाफिज सईद ने विडियो जारी कर भारत सरकार और पीएम मोदी को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि भारत के दबाव में ही पाकिस्तान सरकार ने उसे नजरबंदी में रखा गया है।
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अमेरिका के साथ कोई झगड़ा नहीं
हाफिज ने विडियो में कहा है, ‘इस समय क्योंकि ट्रंप नया-नया अमेरिका का सदर (राष्ट्रपति) बना है और वह मोदी से गहरी दोस्ती निभाना चाहता है, इसके चलते दबाव डाला जा रहा है। हाफिज ने कहा कि उसका अमेरिका के साथ कोई झगड़ा नहीं है, बल्कि झगड़ा भारत के साथ है कश्मीर के मसले पर।’ गौरतलब है कि पंजाब सरकार के गृह विभाग ने सईद के अलावा अब्दुल्ला उबैद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद और काजी कासिफ नियाज की नजरबंदी का आदेश जारी किया था। लाहौर पुलिस ने चौबुरजी स्थित जमात-उद-दावा मुख्यालय पहुंचकर इस आदेश का पालन किया।
जमात-उद-दावा के पदाधिकारी अहमद नदीम ने बताया कि सईद मस्जिद-ए-कदसिया चौबुरजी में है और बड़ी संख्या में पुलिस बल ने संगठन के मुख्यालय को घेर रखा है। नदीम ने कहा, पुलिस अधिकारी ने हमें बताया कि उसके पास जेयूडी प्रमुख को नजरबंद करने का आदेश है जिसे पंजाब के गृह विभाग ने जारी किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, हम हाफिज सईद को जौहर टाउन स्थित उसके आवास पर ले जा रहे हैं जहां उसे सरकार के आदेश पर नजरबंद रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि सईद के आवास को उप-कारागार घोषित कर दिया गया है। गृह विभाग के निर्देश पर लाहौर में जमात-उद-दावा के मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया गया है।
नजरबंदी से कुछ घंटे पहले सईद ने कहा कि अगर दबाए हुए कश्मीरियों की आवाज उठाने के लिए उसके संगठन पर किसी तरह का अंकुश लगाया जाता है तो उसे कोई परवाह नहीं है। उसने नवाज शरीफ सरकार को चेतावनी दी कि अगर कोई अंकुश लगाया जाता है तो उसका संगठन अदालत का रूख करेगा।
पंजाब के गृह मंत्रालय ने तीन दिन पहले सईद के साथ ही अब्दुल्ला उबैद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद और काजी कासिफ नियाज के नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रस्तावों के तहत निगरानी सूची में डाल दिए थे। साथ ही इनको एहतियातन हिरासत में लने का आदेश दिया था। उबैद, इकबाल, आबिद और नियाज को भी नजरबंद किया गया है। पंजाब सरकार ने यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब ट्रंप प्रशासन की ओर से आतंकवाद को लेकर कदम उठाने का दबाव बढ़ा है।
अमेरिका ने इस्लामाबाद से स्पष्ट कह दिया है कि जमात-उद-दावा और सईद के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में पाकिस्तान को प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। जमात-उद-दावा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। लश्कर 2008 के मुंबई हमले सहित कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। संयुक्त राष्ट्र ने जून, 2014 में जमात-उद-दावा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था।