2023 में शुरू होगा देश का सबसे बड़ा एयर पोर्ट एक साथ कई करोड़ यात्री करेंगे सफर

बस चार का समय और फिर वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में देश का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, जनवरी में पीएम मोदी एयरपोर्ट के निर्माण के लिए शिलान्यास कर सकते हैं और निर्माण के पहले चरण के पूरा होते ही 2023-24 में उड़ान शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। चार साल में यहां से हवाई सफर एक रनवे से शुरू होगा। इसके बाद यात्रियों की संख्या के मद्देनजर रने-वे का निर्माण कार्य चलता रहेगा।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के मुताबिक, एयरपोर्ट का पहला चरण 2023-24 में पूरा होगा। यात्रियों की संख्या के हिसाब से एयरपोर्ट के निर्माण को चार हिस्सों में बांटा गया है। अनुमान के मुताबिक, पहले साल करीब 1.20 करोड़ यात्रियों के सफर करने का आकलन किया गया है। इसके बाद यात्रियों की संभावित संख्या के आकलन के साथ ही निर्माण कार्य आगे बढ़ाया जाएगा।

इससे पहले शुक्रवार को खोली गई फाइनेंशियल बिड में ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने सबसे अधिक प्रति यात्री 400.97 रुपये की बोली लगाई। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में विकसित होने जा रहे जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण एवं संचालन स्विस कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी करेगी।

वहीं, अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड प्रति यात्री 360 रुपये की बोली के साथ दूसरे नंबर पर रही। जेवर एयरपोर्ट चार चरणों में विकसित होगा। यहां से 2023-24 में व्यावसायिक उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बिड में चार कंपनियां- ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी, अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड व एंकरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड शामिल थीं।

ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने प्रदेश सरकार को प्रति यात्री 400.97 रुपये के राजस्व की बोली लगाई। अडानी इंटरप्राइजेज ने प्रति यात्री 360 रुपये, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने प्रति यात्री 352 रुपये व एंकरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट होलिंग्स लिमिटेड ने सबसे कम प्रति यात्री 205 रुपये की बोली लगाई। इसके साथ ही तय हो गया कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण एवं संचालन ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी करेगी। पीपीपी मॉडल पर बनने वाले जेवर एयरपोर्ट का संचालन 40 साल के लिए कंपनी को मिलेगा।

अब सोमवार को लखनऊ में प्रदेश की परियोजना निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति की बैठक होगी। प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में फाइनेंशियल बिड में सफल कंपनी के नाम पर मुहर लगाकर इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण एवं संचालन के लिए चयनित ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी के नाम की अधिसूचना जारी करेगी।

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी में कर सकते हैं। हालांकि, एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू होने में अभी वक्त लगेगा। पहले सरकार जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए चयनित कंपनी की अपनी एजेंसियों के माध्यम से जांच कराएगी। उनकी क्लीनचिट के बाद ही निर्माण कार्य धरातल पर शुरू होगा।

बिड प्रक्रिया सफल होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जेवर एयरपोर्ट का विकास कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि प्रदेश सरकार विकासकर्ता को पूर्ण सहयोग देगी। मुख्यमंत्री ने जेवर एयरपोर्ट पर केंद्र सरकार की ओर से मिले सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया। वहीं, प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार के अच्छे तालमेल से 20 वर्ष पुरानी परियोजना जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दो वर्षों में धरातल पर उतारने में सफलता मिली है। केंद्र सरकार ने परियोजना के लिए त्वरित फैसले किए। साइट क्लीयरेंस, सैद्धांतिक मंजूरी मिली। जमीन अधिग्रहण का कार्य तेजी से किया गया।

डॉ. अरुणवीर सिंह (सीईओ, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी) के मुताबिक, एयरपोर्ट के डेवलपर चयन का एक और चरण पूरा हो गया। अब राज्य सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी। दो से तीन साल में संचालन शुरू हो जाएगा।

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