इस तरह होती है महिलाये सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकार
आजकल लड़कियों के योन शोषण की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। सेक्सुअल हैरसमेंट सिर्फ ग्लैमर वर्ल्ड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हर जगह चाहे वो ऑफिस हो या घर महिलाओं को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। हमारे देश में तो घर में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है। ऑफिस में भी महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरसमेंट होता है, मगर कम ही महिलाएं इस पर बात कर पाती हैं।
अगर कोई व्यक्ति आपकी मर्जी के बिना आपको छू रहा है या आपका फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। सेक्शुअल फेवर के लिए किसी तरह की मांग रखना।ऐसी टिप्पणियां करना जिसमें सेक्शुअल बातें जुड़ी हों। पॉर्न विडियोज भेजना या दिखाना। किसी भी तरह के गंदे इशारे करना, फिर चाहे वह फिजिकल हो या मौखिक।
महिलाओं को इसकी सूचना अपनी कंपनी के इंटरनल कम्प्लेंट्स कमिटी (ICC) के पास जाकर 3 महीने के अंदर शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। अगर कंपनी में ICC की व्यवस्था नहीं है तो पीड़ित महिला को लोकल कमिटी के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवानी चाहिए।
जब तक मामले की जांच चल रही हो अगर पीड़ित महिला उस व्यक्ति का सामने आने में असहज महसूस कर रही हो तो वह सेक्सुअल हैरसमेंट ऐक्ट 2013 के सेक्शन 12 के तहत छुट्टियां ले सकती है। इस ऐक्ट के तहत पीड़ित को 3 महीने तक छुट्टियां लेने का अधिकार है।