महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर, शिवसेना और कांग्रेस को लेकर आई ये बड़ी खबर…

महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए सहमत दिख रहे हैं. अब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात करेंगे. सोनिया इस पर क्या फैसला लेती है इसी के आधार पर महाराष्ट्र की सियासत का खाका तैयार होगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. अगर सोनिया गांधी शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हो जाती हैं तो महाराष्ट्र ही नहीं, देश की सियासत में एक नए राजनीतिक अध्याय का आगाज होगा.

बता दें कि कांग्रेस के विधायक इस वक्त राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक होटल में ठहरे हैं. रविवार को इन विधायकों के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बात की. यहां पर कांग्रेस के 40 विधायक मौजूद थे. इस दौरान ये सामने आया है कि कांग्रेस विधायक शिवसेना के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने के इच्छुक हैं. कांग्रेस नई सरकार को बाहर से समर्थन नहीं देना चाहती बल्कि सरकार में शामिल होना चाहती है. कांग्रेस विधायकों से मुलाकात के दौरान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी मौजूद रहे. इसके अलावा महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बाल थोराट भी वहां मौजूद थे.

विधायकों से बात करने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वे विधायकों की मंशा सोनिया को बताएंगे. सोनिया गांधी से बात करने के बाद ही इस मसले पर आखिरी फैसला लिया जाएगा. इस बार कांग्रेस के 44 विधायक चुनाव जीते हैं. जबकि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 54 विधायक चुनाव जीते हैं. बीजेपी के पास विधायकों की संख्या 105 हैं, जबकि शिवसेना 56 सीटों पर विजयी हुई है.

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बता दें कि जबतक कांग्रेस विधायकों ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की इच्छा जताई थी, उससे पहले ही शिवसेना नेता संजय राउत रविवार को एक अहम बयान दे चुके थे. संजय राउत ने अपनी पार्टी की सालों पुरानी परंपरा से इतर कहा था कि कांग्रेस महाराष्ट्र की दुश्मन नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस-शिवसेना शत्रु नहीं है. संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “कांग्रेस राज्य की शत्रु नहीं है, हमारे बीच में राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन हम शत्रु नहीं हैं.”

इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा ने भी सरकार बनाने की ओर संकेत दिया. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि अब जबकि बीजेपी और शिवसेना सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है तो राज्यपाल को दूसरे सबसे बड़े गठबंधन कांग्रेस-एनसीपी को सरकार बनाने का न्यौता देना चाहिए.

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि यदि बीजेपी और शिवसेना सरकार बनाने में कामयाब नहीं रहती है तो एनसीपी-कांग्रेस वैकल्पिक सरकार देने की कोशिश करेगी. उन्होंने कहा कि एनसीपी ने 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. इसमें राजनीतिक हालात की चर्चा की जाएगी.  

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