सरकार ने प्याज की किल्लत पर उठाया ये बड़ा कदम, अब लोगों को मिलेगी ये बड़ी राहत

आसमान पर पहुंचे प्याज के दाम को थामने के लिए केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है. सरकार तेजी से आयात के जरिए आपूर्ति बढ़ा रही है. विदेश से 2500 टन प्याज जहां बंदरगाह पर पहुंच चुका है, वहीं 3000 टन रास्ते में है और जल्द ही खुदरा बाजार में पहुंच जाएगा. उम्मीद है कि इससे प्याज की कीमतों पर कुछ राहत मिलेगी. गौरतलब है कि देश के कई इलाकों में प्याज की कीमत 100 रुपये किलो तक पहुंच चुकी है.

 न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने कृषि मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि इसमें से 2,500 टन पहले ही भारतीय बंदरगाहों पर 80 कंटेनर में पहुंच चुका है, जिसमें से 70 कंटेनर मिस्र से और 10 कंटेनकर नीदरलैंड से हैं. अन्य 3,000 टन 100 कंटेनरों से हाई सी के जरिए आ रहे हैं, जिसे भारतीय बंदरगाहों की तरफ लाया जा रहा है.  

प्याज की आपूर्ति में कमी आई है, ऐसा अनियमित बारिश की वजह से हुआ है, जिससे इस साल 30 से 40 फीसदी उत्पादन प्रभावित हुआ है. इसकी वजह से प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो के पार हो गई है.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने घोषणा की थी कि सरकार प्याज के आयात व इस प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए सहायता करेगी और दूसरी देशों से शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करेगी.  

इसे प्राप्त करने के लिए कृषि मंत्रालय ने फाइटोसैनेटरी व फ्यूमिगेशन की जरूरतों को उदार बनाया है. अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की व ईरान में भारतीय मिशनों को भारत को प्याज की आपूर्ति को सुविधाजनक बनाने को कहा गया है.

गृह मंत्रालय के बाद दिल्ली HC ने खारिज की पुलिस की अर्जी, नही होगी वकीलों पर एफआईआर

 केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा था कि इस बार पिछले साल की तुलना में प्याज का उत्पादन 40 प्रतिशत कम हुआ है. उन्होंने कहा कि प्याज़ के उत्पादन में कमी का मुख्य कारण यह है कि इस साल मानसून एक महीने देर से आया और बारिश-बाढ़ के कारण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्याज की फसल को नुक़सान हुआ है.

इसकी वजह से प्याज के दाम में बीते दस दिन में 200 से 300 फीसदी तक इजाफा हुआ है. खबरों मुताबिक, महाराष्ट्र के लासलगांव होलसेल मार्केट में प्याज की होलसेल प्राइस 55.50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. यह 4 चार साल का सबसे ऊंचे स्तर पर है. इससे पहले अगस्त की शुरुआत में इसकी कीमत 13 रुपये प्रति किलो थी.

सरकार ने क्या कदम उठाए

प्याज़ की बढ़ती कीमतों को लेकर पासवान ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. पासवान ने कहा, ‘अक्टूबर महीने से हमने सभी राज्यों को जितने प्याज की ज़रूरत थी, उतना बफर स्टॉक से दिया, लेकिन अब हमारे बफर स्टॉक में लगभग 1557 मीट्रिक टन प्याज है. दिल्ली ने अभी लिखा है कि केंद्र सरकार की तरफ से जो प्याज दिया जा रहा हैं उसमें कुछ सड़ गया है. बहुत लंबे समय प्याज को स्टॉक में रखने से उसमें ख़राबी आने लगती है. हमने प्याज़ को लेकर स्टॉक लिमिट लगा दी है. जो लिमिट से ज्यादा स्टॉक रखेगा उसके ख़िलाफ कार्रवाई की जाएगी.’

सरकार ने पहले प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी. अब प्याज से बनने वाले प्रोडक्ट के निर्यात रोक लगा दी है, लेकिन प्याज की कीमतों को देखते हुए सरकार ने फ़ैसला किया है कि व्यापारी ईरान, तुर्की और अन्य देशों से प्याज आयात कर सकते हैं. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button