एक ऐसा देश जहाँ सरकार से पूछे बिना बैंक से नहीं निकाल सकते खुद का पैसा, और भी नियम है होश उड़ा देने वाले..

आज के समय में हमारे देश में कुछ मीटर की दूरी पर ही हमें दूसरा ATM दिखाई देने लगता हैं जो की बहुत जरूरी भी हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की एक ऐसा देश भी हैं जहां कोई एटीएम ही नहीं हैं और यहां तक की लोगों को फोन करने के लिए भी पीसीओ जाना पड़ता है जो की आजकल शायद ही कहीं दिखाई देते हैं। इस देश की पाबंदियां आपको हैरान कर देगी और सोचने पर मजबूर कर देगी। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

इस देश का नाम है इरीट्रिया, जो एक अफ्रीकी देश है। इसे आधिकारिक तौर पर इरित्रिया राज्य के नाम से भी जाना जाता है। यहां एक भी एटीएम (ATM) न होने की वजह से लोगों को पैसे निकालने के लिए बैंकों का रूख करना पड़ता है और सबसे हैरानी की बात तो ये भी है कि यहां नियम है कि लोग एक महीने में बैंक से 23,500 रुपये से अधिक नहीं निकाल सकते।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इरीट्रिया के रहने वाले एक व्यक्ति को कार खरीदने के लिए 11 महीने इंतजार करना पड़ा था, क्योंकि हर महीने पैसे निकालने की सीमा तय थी। हालांकि शादी जैसे बड़े आयोजनों के लिए लोगों को कुछ छूट दी जाती है। इसके लिए लोग तय सीमा से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं। जहां एक देश में कई टेलीकॉम कंपनियां होती हैं, वही इरीट्रिया में एरीटेल नाम की सिर्फ एक ही टेलीकॉम कंपनी है और वो भी सरकार के नियंत्रण में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एरीटेल की सर्विस बेहद ही खराब है।

50 सालों से घर में बिल्कुल बेकार पड़ी थी ये पेंटिंग, जब बेची गयी तो मिले इतने करोड़

इरीट्रिया में मोबाइल सिम खरीदना भी बेहद ही मुश्किल है। इसके लिए भी स्थानीय प्रशासन ने मंजूरी लेनी पड़ती है और अगर सिम ले भी लिया तो उसमें इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते, क्योंकि सिम में मोबाइल डाटा होता ही नहीं है। वही, दूसरे देशों से यहां घूमने आए हुए लोगों को अगर सिम लेना हो, तो उन्हें अस्थायी सिम लेने के लिए प्रशासन के पास आवेदन देना पड़ता है, जिसमें तीन-चार दिन का समय लगता है। उसके बाद ही उन्हें सिम मुहैया कराया जाता है और सबसे जरूरी बात ये है कि देश छोड़ते समय सिम को लौटाना भी पड़ता है।

यहां लोग वाई-फाई के जरिए ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत है कि यह बेहद ही धीमा है। इंटनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन की रिपोर्ट के मुताबिक, इन तमाम दिक्कतों की वजह से इरीट्रिया की महज एक फीसदी आबादी ही इंटरनेट का इस्तेमाल करती है। इसके अलावा यहां फेसबुक, ट्वविटर जैसे सोशल मीडिया साइटों का इस्तेमाल करते समय भी लोगों को कई सारे नियम याद रखने पड़ते हैं।

यहां टीवी देखने को लेकर भी सरकार की कई पाबंदियां हैं। लोग वही चैनल देखते हैं, जो सरकार उन्हें दिखाना चाहती है। यहां तक की मीडिया भी स्वतंत्र रूप से यहां कुछ भी लिख नहीं सकता है। हालांकि समय-समय पर इसके खिलाफ आवाजें भी उठती रही हैं, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं होता। वैसे तो साल 1993 में इथियोपिया से आजाद होकर इरीट्रिया एक नया राष्ट्र बना था, लेकिन यहां अभी भी राष्ट्रपति इसायास अफेवेर्की की पार्टी की चलती है। यहां दूसरी विपक्षी पार्टी बनाना प्रतिबंधित है। यहां तक कि सरकार की आलोचना करने वाले लोगों को यहां जेल भेज दिया जाता है।

यहां के युवाओं को मिलिट्री ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है। जब तक वो मिलिट्री सेवा को पूरा नहीं कर लेते हैं, उन्हें पासपोर्ट तक नहीं दिया जाता है। हालांकि पासपोर्ट मिलने के बाद भी उनके लिए देश छोड़ना आसान नहीं होता है। इसके लिए वीजा की जरूरत पड़ती है, जो सरकार आसानी से देती नहीं। इसके पीछे सरकार का तर्क है कि अगर वो देश छोड़कर चले गए, तो फिर वापस नहीं आएंगे।

तमाम बंदिशों की वजह से ही यहां युवा गैर-कानूनी तरीके से सीमा पार करते हैं और इथियोपिया या सूडान में जाकर बस जाते हैं। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि इरीट्रिया की जनसंख्या कितनी है, इसका आंकड़ा सरकार के पास भी नहीं है, क्योंकि यहां गनिती कभी हुई ही नहीं। हालांकि विश्व जनसंख्या समीक्षा के मुताबिक, इस देश की जनसंख्या 35 लाख के करीब हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button