जानिए, महिलाओ में एस्ट्रोजन हार्मोन से जुडी है ये स्वस्थ समस्याए
महिलाओ के स्वस्थ केलिए सबसे जरूरी हार्मोन है एस्ट्रोजन जी हाँ एस्ट्रोजन की कमी के वजह से हार्मान भी इससे बहुत प्रभावित होता है। हार्मोन असंतुलन के कारण मासिक धर्म में समस्या के अलावा अन्य कई सामान्य बीमारियां भी होने का खतरा रहता है। इस महिला दिवस के मौके पर जानते है कि महिलाओं में पाया जाना वाला मुख्य हार्मोन एस्ट्रोजन की कमी के वजह से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं। एस्ट्रोजन अधिकतम मात्रा में ओवरीज यानी गर्भाशय से उत्पादन होता है। – एस्ट्रोजन की कमी के वजह से शरीर के हिस्सों पर इसका असर देखने को मिलता हैं। – जिन महिलाओं में एनोरेक्सिया जैसी ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या होती है, उनमें एस्ट्रोजन की कमी की समस्या होने के ज्यादा सम्भावना रहती हैं।
ध्यान देने वाली बात ये है की महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी के कई कारण हो सकते हैं। अगर किसी भी स्थिति की वजह से ओवरीज को नुकसान पहुंचता है तो शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट आने लगती हैं। इसके अलावा मेनोपॉज भी एस्ट्रोजन के गिरते स्तर का एक सबसे बड़ा कारण हैं। बल्कि, मेनोपॉज आने से कई साल पहले शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने लगता हैं, जिसे प्री-मेनोपॉज की स्थिति भी कहा जाता हैं। एस्ट्रोजन का स्तर कम होने के पीछे कई कारण होता है। – प्री मैच्योर ऑवेरियन फेलियर – थाइराइड डिसऑर्डर – अत्यधिक मात्रा में एक्सराइज करना। – लगाातर वजन गिरना – क्रीमोथैरेपी – पिट्यूटरी ग्रंथि की कार्यप्रणाली धीरे होना। इसके अलावा आपके परिवार में से किसी महिला सदस्य को ऐसी कोई समस्या हो।
अनियमित पीरियड होना नियमित पीरियड होने की मुख्य वजह एस्ट्रोजन हार्मोन हैं। एस्ट्रोजन की कमी का सबसे पहला असर आपके मासिक धर्म चक्र पर पड़ेगा। एस्ट्रोजन की कमी की वजह से ओव्यूलेशन में दिक्कत आती हैं, जिसकी वजह से प्रेगनेंट होने में समस्या हो सकती हैं। एस्ट्रोजन की कमी का असर वजाइनल लुबिक्रेशन पर भी पड़ता हैं। इस हार्मोन की कमी के वजह से वजाइना ड्रायनेस की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिसकी वजह से सेक्स के दौरान महिलाओं को अधिक दर्द होता हैं। अचानक से पसीना आना और गर्मी लगने जैसी समस्याएं महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान होता है, ये भी एस्ट्रोजन की कमी के वजह से होता है।