ऑस्टियोपोरोसिस डे : ये कारण होते है जिम्मेदार हड्डियों के कमजोर होने के पीछे

हर वर्ष 20 अक्‍टूबर को वर्ल्‍ड ओस्टियोपोरोसिस डे मनाया जाता है। ओस्टियोपोरोसिस हड्डियों का एक गंभीर रोग है। जिसमें हड्डियां धीरे-धीरे इतनी कमजोर हो जाती हैं आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे है ये किन करने से होता है सबसे पहले इसकी एक आम वजह है बढ़ती उम्र ऑस्टियोपोरोसिस का एक बड़ा कारण है। 30 वर्ष की उम्र के बाद ज्‍यादातर महिलाओं की बोन हेल्‍थ प्रभावित होने लगती है। बोन्‍स टिश्‍यूज जो बोन्‍स को मजबूती देते हैं, ये टूटते तो हैं पर नए टिश्‍यू उस गति से नहीं बन पाते। यानी अब उनकी बोन्‍स कमजोर होना शुरू हो जाती हैं।

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है बोन्‍स का कमजोर होना जारी रहता है। 60 की उम्र तक पहुंचते ज्‍यादातर पुरुषों और महिलाओं की हड्डियां कमजोर हो चुकी होती हैं।साथ ही महिलाओ में हार्मोनल बदलाव भी एक कारन है महिलाओं में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव भी इसके लिए जिम्‍मेदार हैं। माहवारी, गर्भावस्‍था और मेनोपॉज तक उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। जिसका असर बोन हेल्‍थ पर भी पड़ता है। यही वजह है कि महिलाओं में जहां हड्डियों में दर्द और फ्रेक्‍चर की समस्‍या 40 की उम्र में ही शुरू हो जाती है, वहीं पुरुषों की बोन हेल्‍थ 50 के बाद भी अच्‍छी रहती है।

ध्यान देने वाली बात ये है की कई लोगो में ये समस्या जेनेटिक भी होती है बहुत सारी बीमारियां हमें अपने माता-पिता से भी अनुवांशिक तौर पर मिलती हैं। अगर परिवार में किसी को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्‍या रही है तो बच्‍चों में इसके होने का जोखिम और ज्‍यादा बढ़ जाता है। इसलिए ऐसे लोगों को अपनी बोन हेल्‍थ के प्रति ज्‍यादा सतर्क रहना चाहिए। आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि बीमारियां भी परिवार में क्‍यों जुड़ी होती हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है हमारी ईटिंग हेबिट। एक परिवार के ज्‍यादातर लोगों की ईटिंग हेबिट एक सी होती है।

ऑस्टियोपोरोसिस के लिए भी हमारा खानपान बहुत हद तक जिम्‍मेदार है। अगर हम ऐसी डाइट ले रहे हैं जिसमें केल्शियम की मात्रा बहुत कम है तो हमारे लिए ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम ज्‍यादा बढ़ जाता है। इसके साथ ही किसी भी चीज पर अगर आप जरूरत से ज्‍यादा बोझ डालेंगे तो वह समय से पहले खराब होगी ही। हमारी सेहत के साथ भी ऐसा ही है। जब हमारी बोन्‍स को हमारा बहुत ज्‍यादा वजन उठाना पड़ता है तो वह समय से पहले कमजोर हो जाती हैं।

आंकड़ें बताते हैं कि मोटे लोगों में फ्रेक्‍चर और हड्डी टूटने के मामले सबसे ज्‍यादा सामने आते हैं। कुछ खास दवाओं के साइड इफैक्‍ट के रूप में भी कई बार ऑस्टियोपोरोसिस को कैरी करना पड़ता है। इनमें कोर्टिकोस्टेरोइड सबसे प्रमुख है। इसका इस्‍तेमाल अमूमन पुरुषों द्वारा शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है। वहीं एड्स और कैंसर की रोकथाम में भी कई बार इनका इस्‍तेमाल किया जाता है। लंबे समय तक इस दवा का सेवन करने से हड्डियों का स्‍वास्‍थ्‍य बुरी तरह प्रभावित होता है।

Back to top button