राज्यों और उद्योगों का वादा, सात लाख युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण…
रोजगार को लेकर मचे आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक पखवाड़े में राज्यों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने सात लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने की प्रतिबद्धता जताई है। इससे प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़कर लगभग दोगुनी हो जाएगी। बुधवार को अप्रेंटिसशिप पखवाड़े के समापन तक उद्योग जगत ने 4.5 लाख तथा राज्य सरकारों ने 2.5 लाख युवाओं के प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ करार किया है।
मांग आधारित तथा उद्योगों के अनुरूप कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय राज्य सरकारों को 560 करोड़ रुपये का अनुदान देगा। पखवाड़े के दौरान थर्ड पार्टी एग्रीगेटर्स के माध्यम से विभिन्न राज्यों के साथ 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
बीएचईएल, कोचीन शिपयार्ड, गेल, आइआरसीटीसी, आइटीडीसी, आइटीपीओ, एनटीपीसी तथा आरआइएनएल समेत सार्वजनिक क्षेत्र के आठ उपक्रमों ने 35 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का वादा किया है। इसके अलावा एचपीसीएल ने स्थायी ऊर्जा क्षेत्र में सोलर तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआइ) मुंबई के साथ समझौता किया है।
इस अवसर पर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा, ‘हम स्थानीय बाजार में मांग आधारित मॉडल पर काम कर रहे हैं, जो उद्योग एवं युवाओं दोनो के लिए फायदेमंद होगा।’ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी कार्यक्रम में कहा, ‘पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें आयात पर निर्भरता कम करनी चाहिए और पारंपरिक कौशल पर ध्यान देना चाहिए।’
सरकार ने 2016 में अप्रेंटिसशिप अधिनियम 1961 में व्यापक संशोधन किए थे। इसके बाद ढाई वर्ष में 7.5 लाख प्रशिक्षु इस कार्यक्रम से जुड़े हैं। अब अगले कुछ वर्षो में ये संख्या बढ़कर 14.5 लाख हो जाएगी।