अयोध्या केस: हिंदू महासभा के वकील पर नाराज हुए CJI

सालों से चले आ रहे देश के बेहद अहम और पुराने मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई हो रही है। कोर्ट में हो रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले में मध्यस्थता के लिए बनाई गई पैनल की रिपोर्ट पेश कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस रिपोर्ट में सुन्नी वफ्फ बोर्ड को लेकर अहम बात कही गई है। वहीं इससे ठीक पहले सुनवाई के दौरान हिंदू महासभा के वकील द्वारा कोर्ट में नक्शा रखा गया था और तर्क दिए गए। इस पर चीफ जस्टिस नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि अगर इस तरह के आर्ग्यूमेंट हो रहे हैं तो फिर हम सुनवाई को अभी खत्म मान लेंगे और उठकर चले जाएंगे।

इसके बाद हिंदू महासभा के वकील ने कोर्ट के सामने कहा कि मैं पूरे सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि मैंने कोर्ट का डेकोरम डिस्टर्ब नहीं किया है।

इससे पहले सुबह सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मामले में दाखिल एक इंटरवेंशन एप्लिकेशन को खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस ने इस अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अब बहुत हुआ, यह मामला आज 5 बजे तक खत्म हो जाएगा।

इससे पहले मंगलवार को हिंदू पक्ष की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि हम चाहते हैं इसे सुनवाई करे 40वें दिन पूरा किया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो अयोध्य जमीन विवाद मामले में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई का आज आखिरी दिन होगा। ऐसे में सवाल यह है कि आज अंतिम दिन सर्वोच्च न्यायालय की पांच जजों की बेंच के सामने क्या-क्या होगा। बता दें कि पहले कोर्ट ने सुनवाई खत्म करने के लिए 18 अक्टूबर और फिर बाद में 17 अक्टूबर का वक्त दिया था लेकिन मंगलवार को यह एक दिन और कम हो गई। आईए हम आपको बताते हैं कि आज जो सुनवाई होगी उसमें क्या होने वाला है।

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यह होगा आज

आज सुनवाई के लिए मामले से जुड़े सभी पक्षों को अपनी जिरह पूरी करने का समय दिया गया है और संभवतः इसमें तीन से चार घंटे लग सकते हैं।

ऐसे में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ यानी राहत के बारे में चर्चा करने के लिए कोर्ट के पास डेढ़ से दो घंटे का समय बचेगा।

कोर्ट आज यह सारे काम तय समय में पूरे कर लेती है तो यह भी संभव है कि आज मामले से जुड़े छोटे पक्षों को भी अपनी बात रखने का मौका मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो सुनवाई आज ही खत्म हो जाएगी।

संभवतः थोड़ी संभावना इस बात की भी है कि सुनवाई कल तक जा सकती है। हालांकि, यह आज की सुनवाई पर निर्भर करेगा।

मंगलवार को दोनों पक्षों में हुई तीखी बहस

सुनवाई के 39वें दिन कोर्ट में हिंदू पक्ष महंत सुरेश दास की ओर से पेश वरिष्ठ वकील के. परासरन ने कहा कि बाबर आक्रमणकारी था। उसने राम जन्मस्थान पर मस्जिद बनाई थी। इस ऐतिहासिक गलती को सुधारने का समय है। उन्होंने कोर्ट में यह भी कहा बाबर आक्रमणकारी था और किसी विदेश का देश में मालिकाना हक नहीं हो सकता।

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