इतना मंहगा हो जाएगा जियो का रिचार्ज प्लान, आपकी जेब पर पड़ेगा इतना असर…

मोबाइल पर मुफ्त में बातचीत (कॉल) का दौर अब खत्म होने की शुरुआत हो गई है। रिलायंस जियो उपभोक्ताओं से किसी अन्य कंपनी के नेटवर्क पर कॉल करने पर शुल्क लेगी। कंपनी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। इससे आपका जियो रिचार्ज और प्लान पहले से थोड़ा महंगा हो जाएगा।
बयान के मुताबिक इसके लिए उपभोक्ताओं को कूपन लेना होगा जिसकी शुरुआती कीमत 10 रुपये है। दूरसंचार बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में अब दूसरी कंपनियां भी कॉल के लिए शुल्क लेने की शुरुआत कर सकती हैं।
मिस्ड कॉल से नुकसान की भरपाई: जियो ने अपने बयान में कहा है कि अन्य कंपनियों की 2जी सेवाएं महंगी हैं जिसकी वजह से उन कंपनियों के ग्राहक जियो के उपभोक्ताओं को मिस्ड कॉल करते हैं। जब जियो के ग्राहक उन्हें वापस कॉल करते हैं तो उसके बदले जियो को उन कंपनियों को इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) चुकाना पड़ता है। जियो नेटवर्क पर रोजाना ऐसी 30 करोड़ तक मिस्ड कॉल आती हैं। जियो ने इसके लिए तीन साल में 13,500 करोड़ चुकाए हैं। एयरटेल और वोडा-आइडिया ने जियो के इस कदम पर कहा है कि यह छोटे रिचार्ज वाले उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाने का काम करेगा। ट्राई को आईयूसी मुद्दे पर गहन विचार करने की जरूरत है।
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आपकी जेब पर इतना बढ़ेगा बोझ
कूपन मूल्य (RS) अवधि (मिनट) मुफ्त डाटा (GB)
10 124 01
20 249 2
50 656 5
100 1,362 10
(मूल्य रुपये, अवधि मिनट और डाटा जीबी में)
ग्राहकों की खातिर लाइसेंस रद्द नहीं किया
जियो को इंटर-कनेक्टिविटी देने से इंकार करने की स्थिति में ट्राई एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया का लाइसेंस रद्द करने का भी विचार किया था। हालांकि, ट्राई ने इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश इसलिए नहीं की थी कि इससे ग्राहकों असुविधा होती।
ये थी जियो की शिकायत
जियो ने कहा था कि उक्त तीनों टेलीकॉम कंपनियों द्वारा उसे पीआईओ (प्वाइंट आफ इंटरकनेक्ट) नहीं दिए जाने के कारण उसकी 75 फीसदी कॉल फेल हो रही हैं।
फोन की घंटी पर भी थी परेशानी
जियो ने अपने नेटवर्क से की जाने वाली काल की घंटी की अवधि कम कर दी है। एयरटेल ने कहा कि यह ग्राहकों की सुविधा के खिलाफ है। एयरटेल का कहना है कि कॉल खत्म होने वाले एक्सचेंज पर घंटी की अवधि 45 सेकेंड और जहां से कॉल आ रही उस एक्सचेंज पर यह 75 सेकेंड की होनी चाहिए। वोडाफोन-आइडिया ने इसे 30 सेकेंड रखने का सुझाव दिया है।
एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया पर जुर्माना
दूरसंचार नियामक ट्राई ने अक्तूबर, 2016 में रिलायंस जियो को इंटर-कनेक्टिविटी देने से इंकार के दंडस्वरूप एयरटेल, वोडाफोन तथा आइडिया पर 3,050 करोड़ रुपये के जुर्माने की सिफारिश की थी। इनमें वोडाफोन और आइडिया का विलय हो चुका है। जुलाई 2019 में दूरसंचार विभाग की सर्वोच्च निर्णायक संस्था डिजिटल कम्यूनिकेशन कमीशन ने भी इसे मंजूरी दे दी।