कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को कानून का फायदा उठाने की नहीं दी जा सकती छूट, पढ़े पूरी खबर

यहां की अदालत ने महिलाओं और पुरुषों की कानून की नजर में स्थिति पर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि कानून की नजरों में आदमी और औरत एक समान हैं। ऐसा नहीं है कि महिला हो गई तो कानून का फायदा उठाएं। वह गलत होगी तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। भगवान ने भी सभी को एक समान माना है।
यह टिप्पणी करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट ने अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित की जमानत को मंजूर कर लिया। साथ ही आरोप लगाने वाली युवती पर एसपी को केस दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।
शहर की एक कालोनी की युवती ने घर से भागकर झज्जर निवासी युवक से की थी शादी
मामले के अनुसार, शहर की एक कालोनी की रहने वाली युवती मार्च 2019 में कंप्यूटर सेंटर से लापता हो गई थी। परिजनों ने शिवाजी कालोनी थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी। फुटेज में पता चला कि युवती को दो युवक लेकर गए हैं। कई दिन बाद वापस लौटने पर युवती ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया कि झज्जर के डीघल गांव निवासी दो युवकों ने उसका अपहरण किया था। नशीली दवाई देकर गुरुग्राम और हरिद्वार ले गए। वहां पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उसका मोबाइल भी छीनकर फेंक दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। यह मामला तभी से कोर्ट में विचाराधीन है।
बरामद होने के बाद पति और शादी में गवाह बने युवक पर लगा दिया था अपहरण कर गैंगरेप का आरोप
इस मामले में एक आरोपित ने कई दिन पहले रेगुलर जमानत लगाई थी, जिस पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की कोर्ट में एक आरोपित ने मैरिज सर्टिफिकेट पेश कर दिया। आरोपित ने बताया कि युवती का अपहरण नहीं हुआ था वह अपनी मर्जी से गई थी।
अदालत ने एसपी को दिया युवती के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश
19 मार्च को युवती ने उसके दोस्त से गुरुग्राम के आर्य समाज मंदिर में शादी की, जिसमें वह गवाह बना था। ना युवती का अपहरण हुआ और ना ही उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। सभी तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने आरोपित की जमानत को मंजूर कर लिया और साथ ही युवती के खिलाफ केस दर्ज कराने के आदेश जारी किए। कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि युवती के खिलाफ मामला दर्ज कर इसकी रिपोर्ट पेश की जाए।