जानें कैसे किया जाता है महिलाओं के बच्चेदानी का ऑपरेशन

गर्भाशय निकालने का ऑपरेशन क्या होता है?

हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) वह सर्जिकल प्रक्रिया है जिसका उपयोग करके महिला के शरीर से गर्भाशय को निकाला जाता है। गर्भाशय के साथ अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, योनि और सर्विक्स को भी हटाया जा सकता है। या तो पूरे गर्भाशय को हटा दिया जाता है या इसके कुछ हिस्से को छोड़ दिया जाता है। सर्जरी मरीज़ की उस स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है जिसके लिए यह प्रक्रिया की जा रही है।

गर्भाशय निकालने की सर्जरी क्यों की जाती है?

गर्भाशय महिला प्रजनन प्रणाली का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है। यह कई वजहों से रोगग्रस्त हो सकता है। गर्भाशय को सर्जरी द्वारा हटाना आमतौर पर उपचार का आखिरी विकल्प होता है। लेकिन यह संभव है कि कभी-कभी अन्य कोई भी उपचार पद्धति से राहत न मिल पा रही हो। ऐसे मामलों में, गर्भाशय को हटाने के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। निम्न स्थितिओं में हिस्टेरेक्टॉमी करवाने की ज़रुरत पद सकती है:

जला रही थी प्रेमी का लव लेटर, लग गया लाखों का चूना

फाइब्रॉएड 

गर्भाशय के अंदर फाइब्रॉएड पैदा हो सकते हैं हालाँकि ये कैंसरजनक नहीं होते। ये गर्भाशय की गुहा के आंतरिक आकार को बदल देते हैं, इनकी वजह से भारी मासिक स्त्राव, पेट में दर्द, सामन्य गर्भधारण में कठिनाई, गर्भावस्था में परेशानी हो सकती है। दवाओं द्वारा इन्हें कम किया जा सकता है।लेकिन गंभीर स्थितियों में या जब कई बड़े फाइब्रॉएड मौजूद होते हैं, तो गर्भाशय को हटाने की आवश्यकता हो जाती है।

एंडोमेट्रिओसिस 

गर्भाशय गुहा की लाइनिंग पर उपस्थित कोशिकाएं विशेष कोशिकाएं होती हैं जो शरीर में और कहीं स्थित नहीं होतीं। एंडोमेट्रियोसिस में, ये कोशिकाएं गर्भाशय से बाहर निकल जाती हैं और अन्य अंगों पर जमा हो जाती हैं। नए स्थान पर भी कोशिकाएं विकसित होंगी, टूटेंगी और इनसे रक्तस्त्राव होगा, जैसे गर्भाशय की लाइनिंग की कोशिकाओं में होता है। चिकित्सा या सर्जिकल उपचार के बावजूद भारी मासिक स्त्राव, गर्भाशय में ऐंठन जैसे लक्षण पाए जा सकते हैं। इसके बाद गर्भाशय को हटाना ही आखरी विकल्प होता है।

प्रोलैप्सड (Prolapsed; आगे की ओर बढ़ा हुआ) गर्भाशय

गर्भाशय मज़बूत और टाइट मांसपेशियों और लिगामेंट द्वारा अपनी जगह पर स्थित रहता है। कई बार गर्भधारण करने, बार बार गर्भपात, प्रसव में कठिनाई जैसी स्थितियां गर्भाशय और उसको सँभालने वाले ऊतकों पर तनाव डालती हैं। इससे गर्भाशय अपनी सामान्य स्थिति से विस्थापित हो सकता है। यदि सामान्य स्थिति पर वापिस आने के लिए की जाने वाली सर्जरी नहीं की जाती या ये सर्जरी होने पर भी विफल हो जाए तो सर्जरी द्वारा गर्भाशय को हटवा दिया जा सकता है।

गर्भाशय का कैंसर

गर्भाशयी कैंसर गर्भाशय में भी बन सकता है और शरीर के किसी और अंग में उत्पन्न होकर भी गर्भाशय तक पहुँच सकता है। किसी भी स्थिति में, इसका परिणाम घातक हो सकता है। यदि दवाओं और विकिरण चिकित्सा से उपचार से कैंसर नहीं नियंत्रित हो पाता तो ऐसे में सर्जरी का सहारा लेना पड़ सकता है। (और पढ़ें – कैंसर की दवा)

ग्रंथिपेश्यर्बुदता 

इस स्थिति में, गर्भाशय की लाइनिंग और मोटी हो जाती है। इससे अत्यधिक मासिक स्त्राव, गर्भाशय में ऐंठन और पेट में सूजन हो जाती है। यदि लक्षण अन्य उपचार विधियों से ठीक नहीं हो पाते हैं, तो गर्भाशय को निकालने के लिए सर्जरी की जा सकती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button