शरीर रहते ही इच्छाओं का समाप्त हो जाना ही “मोक्ष”

पितृपक्ष के उपलक्ष में समाज और आम जनमानस में सद्भाव व सद्गुणों के संचार और पितृो के मोक्ष हेतु श्री योगी जी भक्ति सेवा समित ,लखनऊ के तत्वधान में लखनऊ के मिश्रा लॉन,भिठौली चौराहा,सीतापुर रोड पर सात दिवसीय पावन मोक्षदायनी श्रीमद्भागवत का आयोजन किया गया हैं। कथा का मुख्य आकर्षण कथा व्यास आचार्य श्री गोपाल कृष्ण ने प्रथम व द्वितीय दिवस में पावन कथा का आरम्भ करते हुए कलयुग में सभी प्राणियों में सदाचार और मानव जीवन के मूल उद्देश्य कि चर्चा करते हुये समाज और मानव जीवन को सुखी बनाने के सूत्रों पर व्याख्यान किया।

श्रीमद्भागवत के आज 22-09-2019 मुख्य यजमान अरूण कुमार वर्मा व योगी जी सदन के सैकड़ों आत्मशोधी चिंतकों ने पावन कथा श्रवण की,आचार्य गोपाल कृष्ण कि श्रीमद्भागवत कि भक्तिरस से सराबोर वाणी से सभी श्रोता भक्ति में लीन हो गये।व्यास कथा वाचक के अनुसार शरीर छूट रहा हो और इच्छाये बनी रहे,तो जन्म लेने कि उद्देश्य निरर्थक हो जाता हैं। प्रदोष काल में भोजन भोग,शयन,स्वाध्याय नही करना चाहिए।

कथा में स्थानीय वरिष्ठ नागरिको के साथ ही योगी जी सदन के प्रमुख मार्गदर्शक श्री आनन्द कृष्ण शुक्ल,राजधानी नगर सहकारी बैंक के सचिव उमेश गुप्ता,समाज सेवी संजय तिवारी,नंदकिशोर मिश्र,अनुपम पांडे,हिमांशु तिवारी सहित बडी संख्या में भक्तो ने कथा और श्रीमद्भागवत कि झांकी का आनन्द लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button