गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में आया ये नया मोड़, पढ़े पूरी खबर

श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में पहले क्‍लाेजर रिपोर्ट देने वाली सीबीआइ इसकी दोबारा जांच करना चाहती है। चौतरफा दबाव के बाद सीबीआइ ने मोहाली स्थित सीबीआइ कोर्ट में अपनी क्लोजर रिपोर्ट पर अस्थायी तौर पर रोक लगाने मांग की है। दूसरी ओर, पंजाब सरकार ने सीबीआइ से जांच वापस करने को कहा है।

सीबीआइ ने कोर्ट में अपनी ही क्लोजर रिपोर्ट पर अस्थायी रोक लगाने की मांग

मोहाली के कोर्ट में सीबीआइ ने दलील दी है कि जो जांच पहले की गई थी, उसमें कोई सबूत न मिलने के कारण 24 जुलाई को इस केस की क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई थी। ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के स्पेशल डायरेक्टर सह डीजीपी ने 29 जुलाई को हमें कुछ नए तथ्य व सुबूत मुहैया करवाए हैं, जिन्हें देखकर इन पहलुओं पर दोबारा जांच की जरूरत है।

सीबीआइ ने कहा कि स्पेशल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के डीजीपी सह डायरेक्टर ने अपने पत्र में हमसे इन केसों की फिर से जांच करने के लिए भी कहा है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए हमें आगे की जांच करने की इजाजत दी जाए और तब तक क्लोजर रिपोर्ट पर रोक लगा दी जाए।

दूसरी ओर राज्य सरकार ने सीबीआइ की इस दलील पर असहमति जताई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव होम सतीश चंद्रा ने कहा है कि हम इसका विरोध कर रहे हैं और बेअदबी संबंधी सभी केस सीबीआइ से वापस लेने के लिए अदालत जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विधानसभा में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर बहस होने के बाद यह सर्वसम्मति से तय हुआ था कि सीबीआइ से सभी केस वापस ले लिए जाएं। इन केसों की विशेष जांच टीम (एसआइटी) से ही जांच करवाई जाएगी।

कैप्टन बोले, सीबीआइ ने केस को पहेली बना दिया

सीबीआइ की ओर से मोहाली की अदालत में इस केस की जांच फिर से करने का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी विरोध किया है। कैप्टन ने कहा कि सीबीआइ ने बरगाड़ी बेअदबी मामले को पहेली बनाकर रख दिया। हम राजनीतिक तौर पर उठाए जाने वाले ऐसे कदम को आगे बढऩे नहीं देंगे और इसका विरोध करेंगे।

मुख्यमंत्री ने एडवोकेट जनरल (एजी) अतुल नंदा को इन मामलों में आगे जांच व सीबीआइ की दलील का विरोध करने के लिए मजबूत केस तैयार करने को कहा है। कैप्टन का आरोप है कि इन मामलों में सीबीआइ ने बिना किसी जांच या आधार के क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। सरकार इस केस में न्याय को यकीनी बनाने के लिए एजेंसी के विरुद्ध अदालत में पूरी दृढ़ता से पैरवी करेगी।

अमरिंदर बोले- घटिया चालें चल रही सीबीआइ

केंद्रीय जांच एजेंसी की क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी लेने के लिए राज्य सरकार की अपील 23 जुलाई को रद होने के बाद सरकार ने इन आदेशों को चुनौती दी थी। इसी अदालत में समीक्षा पटीशन दायर की गई थी। इससे एक हफ्ते बाद ही सीबीआइ ने यह दलील अदालत में पेश की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी साझा करने की बजाय सीबीआइ बरगाड़ी मामले को जांच के लिए फिर खोलने की मांग करके घटिया चालें चल रही है, जबकि एजेंसी ने इस मामले की आगामी जांच न करने का दावा किया था। कैप्टन ने कहा, ‘केंद्रीय जांच एजेंसी क्लोजर रिपोर्ट क्यों साझा नहीं कर रही? वह क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं? इस समूचे मामले में एजेंसी की ओर से अपने स्वार्थ के लिए जांच को दबाने की कोशिशें झलकती हैं।’

अस्थायी रोक लगाने की मांग करना न्यायपूर्ण नहीं

अमरिंदर ने कहा कि सीबीआइ दिल्ली में अपने राजनीतिक आकाओं के इशारों पर चल रही है। कैप्‍टन अमरिंदर ने कहा, ‘पहले तो इनके पास क्लोजर रिपोर्ट देने का कोई जवाब नहीं था और अब इस रिपोर्ट पर अस्थायी रोक लगाने की मांग करना भी न्यायपूर्ण नहीं है। सीबीआइ की दलील का स्पष्ट उद्देश्य राज्य सरकार की तरफ से इन मामलों की जांच एसआइटी से करवाने के रास्ते में रुकावट पैदा करना है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआइ को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को भी ध्यान में रखना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि सीबीआइ की ओर से जांच में पिछले तीन सालों से किसी किस्म की भी प्रगति नहीं हुई।

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