एनआईए पहली बार सरहद पार आतंकी हमले की करेगी जांच
भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पहली बार सरहद पार आतंकी वारदात की जांट कर सकती है। श्रीलंका में ईस्टर को हुए बम विस्फोट की जांच एनआईए कर सकती है। यह संसद द्वारा राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण संशोधन विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद संभव हो सका है।
गौरतलब है कि गत 21 अप्रैल को श्रीलंका में नौ आत्मघाती हमलावरों ने सिलसिलेवार बम विस्फोटों को अंजाम दिया था जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। संसद ने विदेशों में आतंकवादी घटनाओं में भारतीय नागरिकों के प्रभावित होने की स्थिति में ‘एनआईए’ को मामला दर्ज कर अन्य देशों में जाकर जांच करने का अधिकार देने वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक ‘राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण संशोधन विधेयक 2019’ को 17 जुलाई को अपनी मंजूरी दे दी थी।
घटनाक्रम से जुड़े गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीलंका में ईस्टर रविवार को हुआ बम विस्फोट मामला संभवतः ऐसा पहला मामला होगा जिसकी जांच एनआईए करेगी। अधिकारी ने कहा की इस मामले में श्रीलंका में हुए धमाकों के बाद एनआइए ने केरल के पलक्कड से 29 वर्षीय रियाज को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि वह श्रीलंका बम धमाकों के सूत्रदार हाशिम के साथ संपर्क में था।
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जांच एजेंसी एनआईए के दो सदस्यीय एक दल ने मई माह में श्रीलंका का दौरा किया था। दल ने वहां अधिकारियों से उन दावों के बारे में चर्चा की थी जिनमें कहा गया था कि आतंकी संगठन आइएस से जुड़े कुछ आतंकियों ने कश्मीर समेत भारत के कुछ इलाकों की यात्रा की थी। अधिकारी ने बताया कि अभी तक जांच एजेंसी अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं होने के कारण कोई भी मामला दर्ज नहीं कर पाई है, लेकिन संशोधित कानून के साथ एनआइए अब मामले की जांच सरहद पार जाकर भी कर सकती है।
नए कानून से एनआइए दायरे का विस्तार बता दें कि संसद से पास हुआ संशोधित अधिनियम एनआइए को भारतीय नागरिकों और विदेशों में भारतीय हितों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों की जांच करने का अधिकार देता है। ईस्टर हमलों से पहले भारत ने श्रीलंका को सतर्क भी किया था कि आइएस के आतंकी वहां हमला करने की साजिश रच रहे है। भारत श्रीलंका के साथ इस संबंध में खुफिया सूचनाएं भी साझा कर रहा था कि आतंकी भारतीय हाई कमीशन समेत धार्मिक स्थलों को निशाना बना सकते हैं।