आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लगेगा मौसम का पूर्वानुमान, वैज्ञानिकों ने विकसित की नई एल्गोरिद्म
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence, एआइ) की मदद से वैज्ञानिकों ने एक ऐसी एल्गोरिद्म विकसित की है जो मौसम का पूर्वानुमान लगा सकती है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि इसके जरिये तूफान और चक्रवात के आने से पूर्व वैज्ञानिक चेतावनी जारी कर सकेंगे, जिससे भारी मात्र में होने वाली जन-धन की हानि को कम किया जा सकेगा। ‘आइईईई IEEE ट्रांजेक्शन ऑन जियोसाइंस एंड रिमोट सेंसिंग’ में प्रकाशित हुए अध्ययन में बताया गया है इस मॉडल की मदद से तूफानों का जल्दी और सटीक पूर्वानुमान लगाने में मदद मिल सकती है।
मशीन लर्निग आधारित फ्रेमवर्क किया तैयार
शोधकर्ताओं ने मशीन लर्निग (एमएल) आधारित एक ऐसा फ्रेमवर्क तैयार किया है जो सैटेलाइट के जरिये बादलों की गति का पता लगाएगा, जिन पर आम तौर पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। मौसम का अध्ययन करने वाली अमेरिकी संस्था एक्यूवैदर के वरिष्ठ फोरेंसिक मौसम विज्ञानी ने स्टीव विस्टर ने कहा कि मौसम का पूर्वानुमान लगाने के लिए सबसे अहम है कि हमारे पास ज्यादा डाटा हो। वायुमंडल में नजर बनाए रखने के लिए हमारे पास वर्तमान में जो मॉडल और डाटा मौजूद है उसी से हम स्नैपशॉट लेकर मौसम का पूर्वानुमान लगा रहे हैं। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने अमेरिका के मौसम का अध्ययन करने वाली 50 हजार से अधिक सैटेलाइट इमेजों का विश्लेषण किया और बादलों की गति और उनके आकार के आधार पर उन्हें चिन्हित किया।
‘कौमा’ का चक्रवात से मजबूत संबंध
शोधकर्ताओं ने बताया कि ‘कौमा के आकार’ के बादलों का चक्रवात से मजबूत संबंध होता है। इसके कारण ओलावृष्टि, गर्जना, आंधी सहित कई गंभीर मौसमी परिस्थितियां बनती हैं। इन बादलों की पहचान के लिए शोधकर्ताओं ने कंप्यूटर और मशीन लर्निग (एमएल) तकनीक का प्रयोग किया। इस विधि के जरिये शोधकर्ताओं ने ‘कौमा के आकार’ के बादलों को आसानी से खोजने में सफलता पाई। इसके जरिये कंप्यूटर ने समुद्र का डाटा एकत्र करने के साथ-साथ गंभीर मौसमी की स्थिति का पूर्वानुमान लगाने में वैज्ञानिकों की मदद की।
64 फीसद बेहतर भविष्यवाणी संभव
इस अध्ययन के लेखक और अमेरिका की पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के रेचल ङोंग ने कहा कि कौमा के आकार के बादल गंभीर मौसम की घटनाओं के एक संकेतक के रूप में वायुमंडल में मौजूद रहते हैं। हमारी एल्गोरिदम मौसम विज्ञानियों को इस तरह की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने में सहायता कर सकती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस विधि के जरिये ‘कौमा के आकार’ के बादलों का 99 फीसद प्रभावी ढंग से पता लगा सकता है। यह गंभीर मौसम की घटनाओं की भविष्यवाणी अन्य मौजूदा तरीकों से 64 फीसद बेहतर तरीके से कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह अध्ययन मौसम संबंधी जानकारी की एआइ-आधारित व्याख्या की व्यवहार्यता को प्रदर्शित करने का भी एक प्रयास है।