मिड डे मील योजना में सरकार नहीं करेगी नाश्ता शामिल, जानें क्यों…
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने सरकार द्वारा चलाई जा रही मिड डे मील योजना में नाश्ता शामिल करने की संभावना को खारिज कर दिया है। एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल “निशंक” ने गुरुवार को राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार स्कूल में पढ़ रहे पहली से आठवीं कक्षा तक के या छह से 14 साल की उम्र तक के बच्चे स्कूल में होने वाली छुट्टी को छोड़ हर रोज एक समय मिड डे मील के हकदार हैं।
यह योजना सरकार, स्थानीय निकाय द्वारा संचालित और सरकारी सहायता से चलने वाले स्कूलों में चल रही है। अधिनियम में तय पोषण मानकों को पूरा करने के लिए यह योजना चलाई जा रही है।
एचआरडी मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने संसाधन से दूध, अंडा और फल जैसी अतिरिक्त सामग्री बच्चों को उपलब्ध करा रहे हैं। 2018 के दौरान 11.34 लाख स्कूली में पढ़ रहे 9.17 करोड़ बच्चों को मिड डे मील योजना का लाभ मिल रहा था।