पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जल्द सड़कों पर दौड़ेंगे इलेक्ट्रिक वाहन, हर जगह लगेंगे चार्जिंग प्वॉइंट
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए मोदी सरकार इलेक्ट्रिक सार्वजनिक परिवहन पर जोर दे रही है. अगले तीन वर्षों में 15 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकार 10 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी. ताकि दाम कम होने से लोग डीजल-पेट्रोल की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों से चलने में रुचि लें. दरअसल, देश में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल, 2015 में मोदी सरकार ने ‘फेम इंडिया’ स्कीम लांच की थी. फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स (फेम) नामक इस स्कीम के तहत वाहनों से हो रहे प्रदूषण को कम करने की तैयारी है. लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में भारी उद्योग मंत्री अरविंद गणपत सावंत ने यह जानकारी दी है.
भारी उद्योग विभाग की ओर से भारत में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का तीव्र अंगीकरण एवं विनिर्माण(फेम इंडिया) योजना का दूसरा चरण एक अप्रैल, 2019 से शुरू हुआ है. इस चरण में सब्सिडी के जरिए सात हजार ई-बसों, पांच लाख ई तिपहिया वाहन, 55000 यात्री कार और 10 लाख दुपहिया वाहनों के लिए आर्थिक सहायता देने का लक्ष्य है. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चुनिंदा शहरों और मुख्य राजमार्गों पर चार्जिंग प्वॉइंट लगेंगे. ताकि सड़क पर चलते समय किसी को चार्जिंग खोजने के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े.
बड़ी गाड़ियों पर ज्यादा जीएसटी
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सरकार ने बताया है वाहनों की लंबाई आधारित जीएसटी वर्गीकरण से भी सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने की कोशिश है. इसलिए छोटे वाहनों के लिए कम जीएसटी और बड़े वाहनों पर अधिक जीएसटी लागू है. इतना ही नहीं, सीएएफई मानकों के माध्यम से कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन को नियंत्रित किया जा रहा है. कंपनियों को निर्देशित किया जा रहा है कि कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं.